छठ पूजा: सूर्योपासना का महापर्व

छठ पूजा: सूर्योपासना का महापर्व

श्रीनारद मीडिया, रोहित मिश्रा, स्टेट डेस्क 

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छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है और भगवान सूर्य तथा उनकी पत्नी ऊषा को समर्पित है, जिसमें व्रती (उपवास रखने वाले) श्रद्धालु सूर्य देव से स्वास्थ्य, समृद्धि, और संतान सुख की कामना करते हैं।

छठ पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है, जिसमें भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है। इस पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसमें व्रती स्नान कर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद खरना का दिन होता है, जिसमें व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ और चावल का विशेष प्रसाद बनाते हैं। खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है।

तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के समय व्रती नदी, तालाब या जलाशय के किनारे जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। अंतिम दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती अपना उपवास तोड़ते हैं। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसमें लाखों लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लेते हैं।

इस वर्ष भी छठ पूजा को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में विशेष तैयारियाँ की गई हैं। घाटों की सफाई, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और बिजली-पानी की सुविधाओं को सुनिश्चित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।

 

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