मधुबनी में CO और नाजिर घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
भारतमाला योजना की भूमि दाखिल-खारिज का मामला, 33 हजार रुपये की घूस लेते धराए
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
मधुबनी के रहिका प्रखंड में बुधवार को निगरानी विभाग की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। विजिलेंस टीम ने अंचलाधिकारी अभय कुमार और नाजिर आदित्य कुमार को 33 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई भारतमाला योजना से जुड़ी भूमि दाखिल-खारिज मामले में हुई, जिसकी शिकायत मधुबनी नगर निवासी राहुल कुमार झा ने की थी।
भारतमाला योजना से जुड़ा मामला शिकायतकर्ता राहुल झा, निवासी गोशाला रोड, मधुबनी ने निगरानी थाना में दर्ज शिकायत में बताया कि उन्होंने अपनी जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन जिला निबंधन कार्यालय द्वारा उस जमीन की स्थिति (ब्लैकलिस्टेड या नहीं) जानने के लिए रिपोर्ट रहिका अंचल कार्यालय से मांगी गई।जब वह रिपोर्ट के लिए सीओ से मिलने पहुंचे, तो उनसे 1 लाख रुपये की मांग की गई। नाजिर ने साफ कहा कि सीओ के लिए 1 लाख और खुद के लिए 15 हजार रुपये देने होंगे। मंदिर और सरकारी आवास पर हुई रिश्वत की डील विजिलेंस टीम की प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि नाजिर ने अपने लिए 13 हजार और सीओ के लिए 17 हजार रुपये की रिश्वत तय की थी। इसके बाद टीम ने जाल बिछाया।
पहले नाजिर ने शिकायतकर्ता से आर.के. कॉलेज के पास मंदिर के समीप 16 हजार रुपये लिए।इसके बाद वह शिकायतकर्ता और सत्यापनकर्ता के साथ सीओ के सरकारी आवास पहुंचे, जहां अभय कुमार ने खुद 17 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर लिए। इसी दौरान मौके पर मौजूद विजिलेंस टीम ने दोनों अधिकारियों को रंगेहाथ दबोच लिया। कार्यालय से जब्त किए गए दस्तावेज गिरफ्तारी के बाद टीम ने अंचल कार्यालय में छापेमारी कर संबंधित फाइलें और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। दोनों आरोपियों को पटना स्थित निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मामला निगरानी थाना कांड संख्या 47/25 के तहत दर्ज है प्रशासनिक महकमे में हड़कंप इस कार्रवाई से जिला प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं, आम लोगों ने निगरानी विभाग की तत्परता की सराहना की है। यह मामला इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि मधुबनी में भूमि विवाद, फर्जीवाड़े और जमीन कब्जा जैसे मामले अक्सर हिंसक घटनाओं तक पहुंच जाते हैं निगरानी विभाग ने दी सख्त संदेश हालांकि, निगरानी विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मामले में और भी अधिकारी या दलाल जांच के दायरे में आ सकते हैं। यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है।
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