पारंपरिक पद्धति द्वारा पशु लंपी त्वचा रोग का उपचार के लिए बैठक

पारंपरिक पद्धति द्वारा पशु लंपी त्वचा रोग का उपचार के लिए बैठक

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):


सारण जिले के अमनौर प्रखंड के ढोरलाही कैथल टोले भतेहरी गांव में राजा राय के आवासीय परिसर में लंपी त्वचा रोग बचाव के उपाय के शिविर का आयोजन किया गया। इन दिनों मवेशियों में लम्पी स्किल डिजीज का खतरा बढ़ा है।इसको लेकर पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है।

ग्रामीणों को एक बैठक कर पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ.प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि लमपी स्किन डिजीज एक विषाणु जनित है।जो कि केवल मवेशियों में होता है।ऐसे में इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। पड़ोस के राज्यों में इस रोग के फैलने की सूचना है। अभी जिले में इस रोग का एक भी ऐसा केस नहीं मिला है ।

यह है रोग के लक्षण इस रोग में मवेशी का तेज बुखार,आंख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गांठ जैसे लक्षण पाए जाते हैं। कभी-कभी संपूर्ण शरीर के बीच भाग पर गाठो के उभार बन जाते हैं।कभी पूरा शरीर गठो से ढक जाता है।ऐसे में लक्षण दिखाई देने पर तत्काल निकट के पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।

तत्काल इसका बचाव का उपचार दस पान का पत्ता,दस ग्राम गोलमिरिच,दस ग्राम नमक मिकचर बनाकर मीठे के साथ पशु को देना चाहिए।उक्त मौके पर अनुसेवक भागवत प्रसाद यादव, डाटा एंट्री ऑपरेटर रणविजय सिंह, भेगसिनेटर सुशील कुमार, धर्मनाथ राय, दिलीप राय ,जगदीश राय ,जगदीप राय, राजकुमार राय, राजेश्वर राय धनपति देवी ,सुशीला देवी लालझरी देवी समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।

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