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कोरोना संक्रमित महिलाएं भी करा सकती हैं अपने शिशुओं को सुरक्षित स्तनपान - श्रीनारद मीडिया

कोरोना संक्रमित महिलाएं भी करा सकती हैं अपने शिशुओं को सुरक्षित स्तनपान

कोरोना संक्रमित महिलाएं भी करा सकती हैं अपने शिशुओं को सुरक्षित स्तनपान
– संक्रमित गर्भवती महिलाओं से प्रसव के बाद नवजात शिशुओं में संक्रमण फ़ैलने को लेकर कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं
– गर्भवती महिलाओं के शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली में कई तरह के बदलाव होने से कुछ श्वसन संक्रमणों से प्रभावित हो सकती हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं

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श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए में हर आयु वर्ग के लोगों के मन में एक असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। इसी कड़ी में गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को लेकर भी कई तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं। इस संबंध में डब्ल्यूएचओ ने कई बातों को स्पष्ट कर दिया है। जिसमें गर्भवती माताओं को कोविड-19 संक्रमण का अधिक ख़तरा, कोरोना से संक्रमित महिला से उनके गर्भस्थ या नवजात शिशुओं में संक्रमण का प्रसार एवं संक्रमित माताओं द्वारा नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने जैसे सवालों को स्पष्ट किया गया है। गर्भवती महिलाओं के शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली में कई तरह के बदलाव होने के कारण कुछ श्वसन संक्रमणों से वह प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वह कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ खुद को बचाने के लिए सावधानी बरतें और अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को संभावित लक्षणों जैसे: सर्दी, खांसी, बुखार या श्वसन प्रक्रिया में थोड़ी सी भी परेशानी होने पर नज़दीक के अस्पतालों में खुद जाकर या अपने अभिभावकों को भेज कर चिकित्सकों से सलाह अवश्य लें ताकि अपने साथ ही र्भ गर्भस्थ शिशुओं की सही तरीके से देखभाल हो सके ।

-कोरोना संक्रमित महिलाएं भी करा सकती हैं अपने शिशुओं को सुरक्षित स्तनपान: डॉ पूनम प्रभा
सदर अस्पताल स्थित प्रसव केंद्र में पदस्थापित महिला रोग विशेषज्ञ डॉ पूनम प्रभा ने बताया कोरोना वायरस से संक्रमित धात्री माताओं से अपील है कि आपलोग अपने नवजात शिशुओं को सुरक्षित स्तनपान करा सकती हैं । लेकिन इसके लिए कई तरह की महत्वपूर्ण सावधानियां भी बरतने की जरूरत हैं। जिसमें धात्री महिलाओं को खाना खाने के दौरान श्वसन स्वच्छता का ख्याल रखने, उपलब्ध होने पर मास्क का इस्तेमाल करने, नवजात को छूने से पहले और बाद में अपने दोनों हाथ को रगड़-रगड़ कर धोने एवं नियमित रूप से स्पर्श करने वाली सतहों की पूरी तरह से सफाई करने की सलाह दी गयी है। धातृ माताएं एवं नवजात शिशुओं के बीच ममतामयी स्पर्श एवं शुरुआती स्तनपान से शिशुओं का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित होने के बावजूद कई तरह की महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने के बाद अपने नवजात शिशुओं को स्पर्श कर सकती हैं। जैसे- स्पर्श करने वाले उन सभी जगहों को नियमित रूप से सफाई करने के बाद ही उसे अपने नजदीक आने दें, अपने नवजात शिशुओं के साथ पूरी तरह से सुरक्षित कमरा में रहने की आदत डालें, बेहतर श्वसन स्वच्छता के साथ सुरक्षित रूप से स्तनपान कराना, अपने नवजात शिशुओं की त्वचा को अपने करीब रखने की आदतों में शुमार करें एवं अपने नवजात शिशुओं को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से रगड़-रगड़ कर सफाई करने के बाद ही उसे स्पर्श करना सुनिश्चित करें ताकि उसे किसी भी तरह से संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए।

-संक्रमित गर्भवती महिलाओं से प्रसव के बाद नवजात शिशुओं में संक्रमण फ़ैलने को लेकर कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं: अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक सिंपी कुमारी ने बताया कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिलाओं से गर्भावस्था या प्रसव के दौरान उनके भ्रूण या नवजात शिशुओं में अभी तक किसी भी तरह की कोई संक्रमण फैलने से संबंधित कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी कोविड-19 के गाइड लाइन के अनुसार संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है जहां पर सुरक्षित प्रसव कराया जाताहै । विगत वर्ष के तरह इस साल भी कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है । प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं की जिंदगी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है । क्योंकि उनके साथ एक नहीं बल्कि दो-दो जिंदगी जुड़ी हुई होती हैं। इस लिहाज से प्रसव केंद्र में प्रतिनियुक्त महिला चिकित्सक, प्रशिक्षित जीएनएम या अन्य सफ़ाई कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा इस बात से इंकार किया गया है कि आम व्यक्तियों की तुलना में गर्भवती महिलाओं या धातृ माताओं को कोरोना संक्रमण की संभावना सबसे ज्यादा है। वर्तमान समय में गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 संक्रमण के प्रभावों को समझने के लिए कई तरह की शोध प्रक्रिया चल रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना संक्रमण काल के दौरान अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हुआ है जिससे यह दावा किया जाए कि गर्भवती महिलाओं या धातृ माताओं को सामान्य आबादी की तुलना में कोरोना संक्रमण से अधिक नुकसान है।

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