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देश ने 5 वर्षों में 27 उपग्रह, 25 प्रक्षेपण यान मिशन लान्च किए-केंद्र सरकार. - श्रीनारद मीडिया

देश ने 5 वर्षों में 27 उपग्रह, 25 प्रक्षेपण यान मिशन लान्च किए–केंद्र सरकार.

देश ने 5 वर्षों में 27 उपग्रह, 25 प्रक्षेपण यान मिशन लान्च किए–केंद्र सरकार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान अप्रैल 2016 से मार्च 2021 तक कुल 27 उपग्रह मिशन और 25 प्रक्षेपण यान मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए गए। सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इसके अलावा, घरेलू और विदेशी ग्राहकों के 286 वाणिज्यिक उपग्रह और भारतीय विश्वविद्यालयों के आठ छात्र उपग्रहों को भी उक्त अवधि के दौरान लान्च किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कुछ प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों में भारत के भारी-भरकम प्रक्षेपण यान GSLV Mk-III की पहली परिचालन उड़ान शामिल है, जिसने भारत के दूसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान -2 को कक्षा में स्थापित किया; उन्नत कार्टोग्राफी उपग्रह, कार्टोसैट -3; NavIC तारामंडल का पूरा होना; दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण; सबसे भारी और सबसे उन्नत उच्च थ्रूपुट संचार उपग्रह, जीसैट-11 का प्रक्षेपण और एकल पीएसएलवी उड़ान में रिकार्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण।’

इनके अलावा, तीन प्रौद्योगिकी प्रदर्शकों नामतः स्क्रैमजेट इंजन, पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान और क्रू एस्केप सिस्टम के परीक्षण का भी इस अवधि के दौरान सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग ने अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली, उपग्रह संचार और नेविगेशन, पृथ्वी अवलोकन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह अन्वेषण, क्षमता निर्माण और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों के क्षेत्रों में अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की हैं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) निजी भागीदारियों के साथ मिलकर स्माल सैटेलाइट लांच व्हीकल (SSLV) बना रहा है, जो साल 2022 की पहली तिमाही में लांच होगा। सरकार ने एसएसएलवी परियोजना के विकास के लिए 169 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

अंतरिक्ष विभाग ने कई दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की

जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष विभाग ने स्पेश ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स, सैटेलाइट कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन,अर्थ आबजर्वेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह अन्वेषण, क्षमता निर्माण और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों के क्षेत्रों में अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की हैं।

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