बंगाल में चक्रवात ‘रेमल’ छोड़ गया तबाही के मंजर

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कहीं उखड़े पेड़-खंबे… तो कहीं घर बने मलबा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

चक्रवात तूफान ‘रेमल’ ने बंगाल के तटों से टकराने के बाद भीषण तबाही मचाई है। 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए इस भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई, जिससे कई घरों और खेतों में पानी भर गया। चक्रवाती तूफान इतना भयंकर था कि अपने पीछे विनाश के निशान छोड़ गया।

कोलकाता की सड़कें हुई पानी-पानी

तूफान रेमल के कारण कोलकाता की सड़कों तक पर पानी भर गया है। अभी भी बंगाल में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। तूफान रविवार रात 8 बजकर 30 मिनट पर पड़ोसी देश बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिम तट के पास टकराया था, जिसके बाद वो बंगाल के तटों से टकराया।

मलबे की चपेट में आने से एक की मौत

तूफान ‘रेमल’ के कारण बंगाल के कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा। कई नाजुक घर तो नष्ट तक हो गए, तो वहीं कुछ पेड़ और बिजली के खंभे भी उखड़ गए। सुंदरवन के गोसाबा इलाके में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत तक हो गई। बता दें कि चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल में संवेदनशील इलाकों से एक लाख से अधिक लोगों को निकाला गया था।

घरों में भरा पानी

तूफान के चलते बंगाल के समुद्र तटों पर विशाल लहरें उठती देखी गईं। जैसे ही चक्रवात आया, बारिश की मोटी चादर से विशाल समुद्र तट धुंधला हो गया, पानी का तेज बहाव मछली पकड़ने वाली नौकाओं को अंदर तक बहा ले गया और निचले इलाकों में मिट्टी और फूस के घरों और खेतों में पानी भर गया।

भीषण चक्रवाती तूफान रेमल पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के बीच पहुंचा, जिससे 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। रविवार रात 8:30 बजे बांग्लादेश में मोंगला के दक्षिण-पश्चिम के पास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच आए तूफान के कारण मूसलाधार बारिश हुई, घरों और खेतों में पानी भर गया, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई।

देश के आपदा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, बांग्लादेश में कल रात चक्रवात आने के बाद से सात लोगों की मौत हो गई। पश्चिम बंगाल में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन तीन लोग घायल हो गए।तूफान से पहले, पूरे बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम में जिला प्रशासनों को प्रभाव को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की, जबकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने स्थिति की बारीकी से निगरानी की। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निवासियों से घर के अंदर रहने का आग्रह किया और उन्हें सरकारी सहायता का आश्वासन दिया।कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने चक्रवात के बाद उबरने के प्रबंधन के लिए 15,000 नागरिक कर्मचारियों को तैनात किया है,

जिसमें उखड़े हुए पेड़ों को तुरंत हटाना भी शामिल है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दक्षिणी बंगाल के जिलों में तेज बारिश और हवाएं चलने की भविष्यवाणी की है। कोलकाता सहित प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चौदह टीमें तैनात की गई हैं। राज्य सरकार ने राहत प्रयासों के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को भी तैयार किया है।

कब हुआ लैंडफॉल?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों के बीच पहुंचा. इसकी वजह से भारी बारिश हुई. इसकी वजह से चारों ओर घरों और खेतों में पानी भर गया. और जाते-जाते चक्रवाती तूफान रेमल विनाश का निशान छोड़ गया.

रविवार रात 8:30 बजे पड़ोसी देश में मोंगला के दक्षिण-पश्चिम के पास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निकटवर्ती तटों पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हुई.

 

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