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पांच साल पूर्व सर्पदंश से हुई थी मौत, जब बच्चा घर लौटा तो जीवित देख भावुक हुए परिजन - श्रीनारद मीडिया

पांच साल पूर्व सर्पदंश से हुई थी मौत, जब बच्चा घर लौटा तो जीवित देख भावुक हुए परिजन

पांच साल पूर्व सर्पदंश से हुई थी मौत, जब बच्चा घर लौटा तो जीवित देख भावुक हुए परिजन

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◆ सर्पदंश से मौत के बाद परिजनों ने बच्चे को बहते पानी में कर दिया था परवाह

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, तरैया/अमनौर, सारण  (बिहार):

सारण जिले के तरैया प्रखंड के गंडार गांव स्थित ब्रह्मस्थान दक्षिण टोला निवासी हरेन्द्र महतो के छह वर्षीय पुत्र कृष्णा कुमार की पांच साल पूर्व में सर्पदंश से मौत हो गई थी। मृत बच्चा करीब पांच साल बाद अपने घर लौट आया है। मृत बच्चे के घर लौटकर आने पर बच्चे की मां व परिवार के अन्य सदस्य भावुक होकर रो पड़े। मृत बच्चे की मां सुनीता देवी ने बताई की पांच साल पहले इसी पीपल के पेड़ के नीचे उनका पुत्र कृष्णा खेल रहा था तभी उसे एक विषैले सांप ने डंस लिया। जिसे उसकी मौत हो गई थी।

मृत बच्चे के शरीर का अंतिम संस्कार केले के थम पर गंडक नदी में प्रवाहित कर दिया गया था। दो माह के बाद सूचना मिली कि आपका बेटे जिंदा हो गया है। उसे काफी खोजबीन किया गया लेकिन पता नही चल रहा था। पांच वर्षों में खोजते खोजते थकहार कर बैठ गये थे। उसी दौरान पता चला कि एक बच्चा इसुआपुर के विशुनपुरा में घूम रहा है। जब खोजते हुए विशुनपुरा पहुंची तो अपने बच्चे को पहचान गई। मेरे बेटे के नाक के पास काला मासा तथा दाढ़ी के नीचे सीढ़ी से गिरा था तो कटे का निशान था।

बच्चा हमको नही पहचान लेकिन में उसे पहचान गई और उसे घर लेकर आई। सुनीता देवी ने बताई की उन्हें दो पुत्र व एक पुत्री है। दो पुत्र में एक को पांच साल पहले सर्पदंश से मौत हो गई थी। आज फिर से मैं दो पुत्र की मां हो गई। वहीं बच्चे के पिता मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते है।

अभी वे असम के डिब्रूगढ़ में मजदूरी का कार्य कर रहे है। मृत बच्चे के जीवित होकर घर लौटने की खबर सुनकर उसे देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हालांकि बच्चा अभी कुछ भी स्पष्ट नही बोल रहा है, अभी उसकी दिमागी हालत भी ठीक नजर नहीं आ रही है। कई लोग उसे अच्छे डॉक्टरों से दिखाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि उसकी याददाश्त सही हो और वह अपने परिजनों को पहचान सकें।

 

 

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