सीवान के डॉन, साहेब डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन नहीं रहे।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान के डॉन, साहेब डॉक्टर मोहम्मद शहाबुद्दीन नहीं रहे। कोरोना ने उन्हें अपने काल के गाल में समा लिया। चार बार सीवान के सांसद रहे बाहुबली डॉन किसी परिचय के मोहताज नहीं रहे और वे अंततः कोरोना के सामने घुटने टेक दिए। पिछले एक हफ्ते से उनकी तबीयत तिहाड़ जेल में बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे जिन्दगीं की जंग हार गये।समाचार एजेंसी ANI ने ट्वीट कर दिल्ली के अस्पताल में उनके मौत की जानकारी दी है
सीवान में हुसैनगंज प्रखंड के प्रतापपुर गांव में डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को हुआ था, वह पहली बार 1989 में जीरादेई विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए फिर 1995 में भी विधायक चुने गए इसके बाद 1996, 1998, 1999 और 2004 में सीवान के सांसद रहे।

दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का निधन हुआ। शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद थे। पिछले मंगलवार की रात उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दिल्ली के पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं। 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था। बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल, मंडोली और रोहिणी जेल में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं। इसे लेकर कोरोना संक्रमित कैदियों की स्क्रीनिंग बढ़ा दी गई है। नए आने वाले कैदियों को क्वारंटाइन करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।

तिहाड़ जेल में शहाबुद्दीन को एकदम अलग बैरक में रखा गया था। उस बैरक में शहाबुद्दीन के अलावा कोई दूसरा कैदी नहीं था। जेल के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि तिहाड़ में तीन ऐसे कैदी (शहाबुद्दीन, छोटा राजन और नीरज बवाना) हैं जिनको अलग-अलग बैरकों में अकेला रखा गया है। इनका किसी से भी मिलना-जुलना नहीं होता है। पिछले 20-25 दिनों से इनके परिजनों को भी इन कैदियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। इन सबके बावजूद शहाबुद्दीन कैसे कोरोना संक्रमित हो गया, ये चिंता करने की बात है।

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