Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
डॉ राजेंद्र प्रसाद का हजारीबाग से सम्पर्क रहा - श्रीनारद मीडिया

डॉ राजेंद्र प्रसाद का हजारीबाग से सम्पर्क रहा

डॉ राजेंद्र प्रसाद का हजारीबाग से सम्पर्क रहा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

राजेंद्र बाबू ने गोमिया को दिया था एशिया का पहला बारूद प्लांट

जन्म-जयंती पर विशेष

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती है. तीन दिसंबर 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई में उनका जन्म हुआ था. आजादी की लड़ाई के दौरान वे हजारीबाग और रामगढ़ का दौरा किया करते थे. उन्हें अंग्रेजों ने तीन बार गिरफ्तार कर हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार में रखा था. लेखक डॉ बी विरोत्तम की पुस्तक झारखंड दिग्दर्शन के अनुसार 11 जनवरी 1932 से 24 जून 1932 तक, दूसरी बार 22 जनवरी 1933 से 07 सितंबर 1933 तक हजारीबाग के केंद्रीय कारा में डॉ राजेंद्र प्रसाद को रखा गया था. तीसरी बार 28 जनवरी 1944 से 01 दिसंबर 1944 तक ग्यारह महीने जेल की सजा काट कर बाहर निकले थे.

आत्मकथा में हजारीबाग, रामगढ़ और बड़कागांव का जिक्र

राजेंद्र प्रसाद ने आत्मकथा में भी हजारीबाग, रामगढ़ और बड़कागांव का उल्लेख किया है. इस पुस्तक में उन्होंने अपने जेल जीवन की विस्तृत चर्चा की है और लिखा है कि अपने मित्रों की शिकायत दूर करने के लिए यह तर्क देते थे कि उन्होंने छोटानागपुर की अनदेखी नहीं की है, बल्कि जीवन का अधिकतर समय हजारीबाग में ही बिताया है. जेल में उनका अधिकांश समय अध्ययन, सूत कातने और राजनीतिक चर्चाओं में बीतता था. खान अब्दुल गफ्फार खां, राहुल सांकृत्यायन, महामाया प्रसाद सिंह, केबी सहाय, बाबू रामनारायण सिंह, जगत नारायण लाल, स्वामी सहजानंद सरस्वती समेत कई नेता देशरत्न के साथ इस जेल में रहे.

बड़कागांव के हरि मिस्त्री राजेंद्र प्रसाद से करते थे पत्राचार

1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व आनंदित साव, प्रयाग रविदास, प्रकाल रविदास, पारस महतो ने भी किया था. हजारीबाग के कलेक्ट्रेट पर तिरंगा झंडा फहराने वाले स्वतंत्रता सेनानी केदार सिंह, सुधीर मलिक, कस्तूरी मल अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, चेतलाल तेली, रामदयाल साव, कांशी राम मुंडा थे. रामगढ़ अधिवेशन के दौरान डॉ राजेंद्र प्रसाद के सहयोगी बड़कागांव प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से सूबेदार सिंह, चेता मांझी, लखी मांझी, ठाकुर मांझी, खैरा मांझी, बड़कू मांझी, छोटका मांझी, गुर्जर महतो भी थे. बड़कागांव निवासी राम लखन विश्वकर्मा का कहना है कि उनके पिता हरि मिस्त्री ने कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभायी थी. वे डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ पत्राचार किया करते थे. आज भी राम लखन विश्वकर्मा के पास संबंधित कागजात सुरक्षित हैं.

राजेंद्र बाबू ने गोमिया को दिया था एशिया का पहला बारूद प्लांट

प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बेरमो अनुमंडल के गोमिया में पांच जनवरी 1958 को एशिया महादेश के पहले बारूद कारखाना का उद्घाटन किया था. स्पेशल सैलून से वह गोमिया आये थे. रेलवे धनबाद ऑफिस में हवलदार के पद पर कार्यरत गोमिया के रामधन राम उनके साथ ड्यूटी में स्पेशल सैलून से धनबाद से गोमिया तक साथ आये थे. यहां से डॉ राजेंद्र प्रसाद खुली जीप से आईसीआई कंपनी गये और बारूद कारखाना का उद्घाटन और निरीक्षण करने के बाद मजदूरों को संबोधित किया था.

लौटते वक्त ग्रामीणों ने किया ये आग्रह

डॉ राजेंद्र प्रसाद जब गोमिया से लौट रहे थे तभी सड़क के दोनों ओर खड़े ग्रामीणों से मिले और उनकी समस्याएं सुनी थी. उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा था इस कि प्लांट को चलाने में आप सहयोग करें. यह देश आपका है. देश में उद्योग-धंधों का विस्तार होगा तो लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. डॉ राजेंद्र प्रसाद गोमिया के स्वतंत्रता सेनानी होपन मांझी और उनके पुत्र लक्ष्मण मांझी से भी मिले थे. उन्हें बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी होपन मांझी के घर रुके थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह से लक्ष्मण मांझी को एमएलसी बनाने की अनुशंसा की थी, जिसके बाद में उन्हें एमएलसी बनाया भी गया था. गोमिया बारूद कारखाना का उद्घाटन करने के बाद शाम को करीब पांच बजे डॉ राजेंद्र प्रसाद उसी स्पेशल सैलून से वापस धनबाद लौट गये थे.

बाद में गोमिया बारूद कारखाना का नाम हो गया आईईएल

गोमिया में बारूद कारखाना खोलने के पीछे सरकार ने कई दृष्टिकोण से गोमिया को उपयुक्त माना था. बगल में कोनार नदी का पानी मिल गया. निर्मित सामान को बाहर भेजने के लिए मुश्किल से एक किमी की दूरी पर गोमिया रेलवे स्टेशन था. यहां प्रचुर मात्रा में बारूद खपाने के लिए कोयला खदानें भी मिल गयी. आज भी कोल इंडिया की कई खदानों में गोमिया का ही बारूद कोयला खनन के क्रम में ब्लास्टिंग के लिए उपयोग किया जाता है.

केंद्र सरकार ने युके की कंपनी आईसीआई से गोमिया में बारूद कारखाना खोलने का किया आग्रह

यूनाईड किंगडम (लंदन) की कंपनी आईसीआई (इम्पेरियल कैमिकल इंडस्ट्रीज) से गोमिया में बारूद कारखाना खोलने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने आग्रह किया था. 90 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ओरिका ने इसे अपने अधीन ले लिया और इसका नाम आईईएल ओरिका पड़ गया. इस बारूद कारखाना में बारूद के अलावा नाइट्रिक एसिड, अमोनिया, नाइट्रो फ्लोराइड का भी उत्पादन किया जाने लगा. यहां बनने वाले सामानों की सप्लाई पूरे देश के अलावा अरव कंट्री, चीन, भूटान, इंडोनेशिया, वर्मा आदि आदि देशों में भी की जाती थी. अभी भी यहां का बारूद देश- विदेश में जाता है. आईसीआई कंपनी ने गोमिया में बारूद कारखाना के अलावा उस वक्त कानपुर में खाद कारखाना (चांद छाप यूरिया) तथा मद्रास में आईसीआई पैंट का कारखाना खोला था. जिस वक्त गोमिया में बारूद कारखाना खोला गया था, उस वक्त करीब 12 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी थी.

द एक्जामिनी इज बेटर दैन एक्जामिनर

राजेंद्र प्रसाद अपने स्कूल के अच्छे स्टुडेंट माने जाते थे. उनकी एग्जाम शीट को देखकर एक एग्जामिनर ने कहा था कि द एक्जामिनी इज बेटर देन एग्जामिनर. राजेंद्र बाबू ने अपनी आत्मकथा के अलावा कई पुस्तकें भी लिखीं. इनमें बापू के कदमों में बाबू, इंडिया डिवाइडेड, सत्याग्रह ऐट चंपारण, गांधीजी की देन और भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र शामिल हैं. अपने जीवन के आखिरी वक्त में वह पटना के निकट सदाकत आश्रम में रहने लगे थे. यहां 28 फरवरी 1963 में उनका निधन हो गया था.

Leave a Reply

error: Content is protected !!