कोरोना की वजह से तिहाड़ के 4,000 कैदियों को अंतरिम जमानत व इमरजेंसी पैरोल पर किया रिहा!

कोरोना की वजह से तिहाड़ के 4,000 कैदियों को अंतरिम जमानत व इमरजेंसी पैरोल पर किया

रिहा!

 

श्रीनाद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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दिल्ली में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले भले ही कम होने लगे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में कैदियों और स्टॉफ की बड़ी संख्या में संक्रमित होने के मामले भी सामने आए हैं.

संक्रमित मामलों को कम करने और कोरोना की रोकथाम को लेकर अब जेल प्रशासन ने बड़ी संख्या में 4,000 कैदियों को जेल से अंतरिम जमानत और इमरजेंसी पैरोल पर रिहा किया है. तिहाड़ जेल में अब तक 500 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और 7 कैदियों की मौत भी हो चुकी है.

बताते चलें कि रविवार को भी पिछले 24 घंटे में 946 मामले रिकॉर्ड किए गए थे और 78 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो गई थी. रविवार को रिकवर्ड करने वालों की संख्या भी 1,803 रिकॉर्ड की गई थी. अब तक दिल्ली में कोरोना की वजह से 24,151 लोगों की मौत भी हो चुकी है. संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने के चलते अब एक्टिव मामलों की संख्या भी कुल 12,003 रह गई है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जेल में कैदियों की ज्यादा संख्या और कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हाई पावर कमेटी ने यह निर्णय लिया था कि जेल से कुछ कैदियों को छोड़ा जाएगा.जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में कुल 10,026 कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन बीते अप्रैल माह में इन जेलों में कैदियों की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो गई थी. कोरोना संक्रमण जब जेल में तेजी से फैलने लगा तो इसकी चपेट में न केवल कैदी बल्कि जेल कर्मचारी भी आने लगे थे.

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के चलते पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन समेत 7 कैदियों ने दम तोड़ दिया. जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना बेहद मुश्किल हो रहा था. इसके चलते हाई पावर कमेटी ने कुछ नियम शर्तों के साथ 90 दिन के लिए इमरजेंसी पैरोल पर कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया था.

हाई पावर कमेटी ने जिस तरह के नियम व शर्त तय किए थे. उसके अनुसार जेल से करीब 5,000 कैदी छोड़े जाने हैं. बीते 10 दिनों के अंदर ही तिहाड़ जेल से ऐसे 4,000 से ज्यादा कैदी 90 दिन की इमरजेंसी पैरोल पर छोड़े गए हैं. यह अवधि समाप्त होने पर जेल प्रशासन हाई पावर कमेटी के साथ यह तय करेगा की पैरोल अवधि को आगे बढ़ाना चाहिए या उन्हें सरेंडर करवाया जाए.

जेल प्रशासन द्वारा अगर इन कैदियों को सरेंडर करने के लिए कहा जाता है तो उन्हें अगस्त माह के अंत में जेल जाकर सरेंडर करना होगा. जेल प्रसाशन का मानना है कि इन कैदियों के बाहर जाने से जेल में कोरोना संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी.

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