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जिला में ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा का हुआ आगाज़ - श्रीनारद मीडिया

जिला में ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा का हुआ आगाज़

जिला में ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा का हुआ आगाज़

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1000 से अधिक मरीजों का ऑनलाइन किया गया इलाज:
ग्रामीणों में टेलीमेडिसीन सेवा को जानने की दिखी दिलचस्पी:
ग्रामीणों ने कहा टेलीमेडिसीन सेवा को प्रभावी बनाया जाये:
अपर कार्यपालक निदेशक ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दी बधाई:

श्रीनारद मीडिया‚ गया,  (बिहार)


जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ तरीके से मुहैया कराने के मद्देनजर जिला में शुक्रवार को ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा का ड्राई रन आयोजित किया गया। इसके लिए पूरे जिला में 493 सेशन साइट तैयार किये गये । जहां पर लोगों को टेलीमेडिसीन की मदद से चिकित्सीय परामर्श दिये गये। वहीं 65 हब तैयार किये गये थे ,जहां डॉक्टर मौजूद ​थे। सेशन साइट यानि स्पोक्स पर मरीजों को एएनएम द्वारा हब पर तैनात चिकित्सकों से ऑनलाइन माध्यम से इलाज संंबंधी परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। इस दौरान मरीज चिकित्सकों से ऑनलाइन रूबरू हो सके और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और लक्षणों की जानकारी दी, जिसके आधार पर चिकित्सीय परामर्श व दवाई की जानकारी दी गयी। वहीं चिकित्सीय सलाह के अनुसार एएनएम द्वारा दवाई उपलब्ध करायी गयी। टेलीमेडिसीन सेवा के तहत मरीजों के लिए 37 प्रकार की दवा उपलब्ध कराई गई है।

1000 से अधिक मरीजों का हुआ इलाज:
जिला में 1000 से अधिक मरीजों ने ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ उठाया। इन लोगों को हब पर तैनात चिकित्सकों ने मौसमी बीमारियों सहित गर्भवती महिलाओं व बच्चों के खानपान व टीकाकरण संंबंधी जानकारी दी। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ फिरोज अहमद ने बताया स्वास्थ्य विभाग की इस सेवा को रोल मॉडल बनाया जायेगा। उन्होंने बताया बुधवार और शुक्रवार को टेलीमेडिसीन सेवा के तहत मरीज अपने नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान या आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन करायेंगे। इसके बाद एएनएम द्वारा स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर इसकी इंट्री की जायेगी। इसके बाद वे चिकित्सकों से ऑनलाइन माध्यम से मरीज का ब्योरा देकर परामर्श व दवाई उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी। यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है। ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा जिला के दूर—दराज के क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगी।

टेलीमेडिसीन सेवा को लेकर ग्रामीणों में दिलचस्पी:
घर के समीप चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने की जानकारी के बाद ग्रामीणों में इस सेवा के बारे में जानने की जागरूकता दिखी। ग्रामीणों का कहना था कि इस सेवा को और अधिक प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराया जाये ताकि अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़े। साधारण बीमारियों का इलाज घर पर ही हो सके और मरीज को अपने घर से दूर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं हो।

अपर कार्यपालक निदेशक ने की कार्यक्रम की समीक्षा:
राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर कार्यपालक निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने संध्याकाल में जूम मीटिंग कर सभी जिला के स्वास्थ्य अ​धिकारियों के साथ ई—संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा कार्यक्रम की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर एएनएम तथा चिकित्सकों द्वारा लॉगिन नहीं किया गया. इसके क्या कारण रहे. लॉगिन नहीं करने वाले डॉक्टर एवं एएनएम पर विशेष नजर रहेगी और स्पष्टीकरण देना होगा. अगले बुधवार को इसे आयोजित किया जाना है और परामर्श की संख्या भी बढ़नी चाहिए इसका ध्यान रखा जाये. कई जगहों पर इंटरनेट को लेकर भी परेशानी दखने को मिली है. अधिकारी आगे से उन सभी जगहों पर जहां सेशन साइट होंगे वहां इंटरनेट सेवा सुनिश्चित करायें. राज्य में टेलीमेडिसीन सेवा के माध्यम से शुक्रवार को 20 हजार लोगों को चिकित्सीय परामर्श की सुविधा मिली है, इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति तथा जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बधाई की पात्र है. उन्होंने कहा कि मीजल्स आउटब्रेक हुआ है. रूटीन इम्यूनाइजेशन सौ फीसदी हो इसका स्वास्थ्य अधिकारियों को ध्यान रखना है. रूटीन इम्यूनाइजेशन किसी भी हाल में छूटे नहीं.

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