चुनाव आयोग ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है,क्यों ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने तो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है संविधान के नियम के तहत ही वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। इसी बीच चुनाव आयोग ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है।
क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 326?
अब आइए जान लेते हैं कि संविधान का अनुच्छेद 326 क्या है। दरअसल, अनुच्छेद 326 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों की गारंटी देता है। भारत का हर नागरिक, जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हो और सामान्य रूप से किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करता हो, वो मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने का हकदार है।
सरल भाषा में कहें तो यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि सभी पात्र नागरिकों को निष्पक्ष और समान रूप से वोट देने का अधिकार मिले। दरअसल, इस पोस्ट के जरिए चुनाव आयोग ये साफ करना चाहता है कि बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन संवैधानिक तौर पर वैध है।
क्या है SIR?
बता दें कि बिहार में चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगा। एसआईआर का उद्देश्य अपात्र नामों को वोटर लिस्ट से हटाना है। वहीं, यह सुनिश्चित करना है कि केवल वैध नागरिकों का ही नाम वोटर लिस्ट में हो।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को बीएलओ के माध्यम से मतगणना प्रपत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस संबंध में उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतगणना प्रपत्र भरने की अवधि 25 जून से 26 जुलाई तक निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि निर्धारित समय तक बीएलओ से जैसे ही सभी मतदाता मतगणना प्रपत्र प्राप्त हो जाएं, उसे तुरंत भरकर आवश्यक कागजात एवं फोटो के साथ बीएलओ को उपलब्ध कराना है। यदि आवश्यक कागजात एवं फोटो उपलब्ध नहीं है तो सिर्फ मतगणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को उपलब्ध करा दें। उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत कुल 1216081 मतदाता हैं। मतदाता पुनरीक्षण कार्य के लिए 1262 बीएलओ को लगाया गया है। जबकि 144 पर्यवेक्षक कार्यरत हैं।
जिले में पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत अब तक 277716 फार्म अपलोड किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगे बीएलओ की सक्रियता और समर्पण को देखते हुए निर्वाचन विभाग ने सभी बीएलओ को छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।