बंगाल में लगा संपूर्ण लाकडाउन,क्या खुलेगा क्या नहीं?

बंगाल में लगा संपूर्ण लाकडाउन,क्या खुलेगा क्या नहीं?

बंगाल में कोरोना के संक्रमण से 127 डॉक्टरों की मौत.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 

पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य में 16 से 30 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने की शनिवार को घोषणा की. मुख्य सचिव ए. बंदोपाध्याय ने कहा कि हम महामारी को फैलने से रोकने के लिए रविवार को सुबह छह बजे से 30 मई की शाम छह बजे तक सख्त कदम उठा रहे हैं.

बंदोपाध्याय ने कहा कि इस अवधि के दौरान सभी सरकारों और निजी कार्यालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, बार, खेल कॉम्प्लेक्स, पब और ब्यूटी पार्लर बंद रहेंगे. पंद्रह दिनों के लॉकडाउन के दौरान निजी वाहन, टैक्सी, बस, मेट्रो रेल, उपनगरीय ट्रेन भी नहीं चलेंगी. पेट्रोल पम्प खुले रहेंगे और आवश्यक सेवाएं जैसे कि दूध, पानी, दवा, बिजली, अग्निशमन, कानून एवं व्यवस्था और मीडिया इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आएंगे. ई-कॉमर्स और घर पर सामान पहुंचाने (होम डिलीवरी) की सेवाओं को मंजूरी दी जाएगी.

पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 से 30 मई तक के लिये पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की. बंगाल में 30 मई तक नई पाबंदियां लागू कर दी गई है. फल-सब्जी की दुकानें सुबह 7 से 10 बजे तक खुलेंगी.

क्या बंद रहेगा ?

– सभी प्राइवेट और सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, मार्केट कम्पलेक्स, रेस्तरां, बार

– कल-कारखाने

क्या खुलेगा ?

– सिर्फ जरूरी सेवाओं को छूट होगी।

– सब्जी बाजार, फल, पावरोटी, दूध, किराना दुकान सुबह 7 से 10 बजे तक।

– मिठाई की दुकानें सुबह 10 से शाम पांच बजे तक।

– दवाई और चश्मा दुकानें हर रोज। 

– लोकल ट्रेन, मेट्रो रेलवे, लांच-फेरी सर्विस, बस सर्विस बंद रहेंगी, प्राइवेट गाड़ियां व टैक्सियों को सिर्फ मरीजों के लिए आने-ले जाने की छूट। 

– सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक, धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध।

 पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर कहर बरपाने लगा है. इसकी चपेट में अब कोरोना वारियर्स भी आने लगे हैं. महज 24 घंटे में 5 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो गयी है. कोरोना काल में कुल 127 डॉक्टर इस संक्रामक बीमारी की भेंट चढ़ चुके हैं.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि सूबे में अब तक कोरोना की चपेट में आकर 127 चिकित्सकों की मौत हो चुकी है. चिकित्सकों की मौत पर वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने गहरा शोक जताया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोलकाता के ढाकुरिया इलाके में स्थित आमरी अस्पताल (AMRI Hospital) में पैथोलॉजिस्ट सुबीर दत्ता (85) की कोरोना से मौत हो गयी.

तालतल्ला के साइंटिफिक क्लिनिकल रिसर्च लाइब्रेरी के अधिकारी रहे सुबीर दत्ता वर्ष 1990 से 1995 तक कलकत्ता विश्वविद्यालय के मेडिकल विभाग के डीन थे. 25 अप्रैल को सांस में तकलीफ की समस्या के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन से वे वेंटीलेटर पर थे.

दूसरी तरफ, बारासात के वरिष्ठ चिकित्सक उत्पल सेनगुप्ता की कोलकाता के अपोलो अस्पताल में कोरोना से मौत हो गयी. नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व चिकित्सक सतीश घाटा की भी कोरोना ने जान ले ली. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक संदीपन मंडल ने भी कोरोना की चपेट में आकर दम तोड़ दिया.

वर्तमान में वे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे. ईईडीएफ अस्पताल में कोरोना संक्रमित स्त्री रोग विशेषज्ञ दिलीप चक्रवर्ती की मृत्यु हो गयी. इतने बड़े पैमाने पर डॉक्टरों की मौत से चिकित्सक बिरादरी में क्षोभ और चिंता का माहौल है.

डॉक्टर्स फोरम के संयोजक डॉक्टर पुण्यब्रत गुन ने कहा कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. कोरोना संक्रमित होने पर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने की जरूरत है. उनके परिवारों की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार को लेनी चाहिए.

ये भी पढ़े…

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!