नगर पंचायत बनने के बाद भी मशरक के विकास की रफ्तार धीमी, मुख्‍य सड़कों की केवल होती है सफाई

नगर पंचायत बनने के बाद भी मशरक के विकास की रफ्तार धीमी, मुख्‍य सड़कों की केवल होती है सफाई

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श्रीनारद मीडिया, विक्‍की बाबा, मशरक, सारण (बिहार):

सारण जिले के मशरक प्रखंड मुख्यालय के दो पंचायत पूर्वी और पश्चिमी को 6 महीने पहले नगर पंचायत का दर्जा दिया। लेकिन छह माह बाद भी लोगों को नगर पंचायत की सुविधा नहीं मिल सकी है।आम लोगों को पता ही नही है कि नगर पंचायत कार्यालय कहां पर है इसकेे लिए नगर पंचायत प्रशासन ने कोई बोर्ड भी नही लगा रखा है।

नगर पंचायत में सुविधा के नाम पर सिर्फ बाजार क्षेत्र की सड़कों पर झाड़ू लगते देखा जाता है।कार्यालय तों खुला पर कोई सुविधा की शुरुआत नही हुई।वही कार्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों में अधिकांश के फरार रहने से अधिकांश कार्य लंबित पड़े हुएं हैं। बीते दिनों पहले पूर्वी मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह ने मढ़ौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार से मिलकर नगर पंचायत के लोगों को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया था मौके पर मढ़ौरा एसडीओ योगेन्द्र कुमार ने फोन से नगर पंचायत के अधिकारी को कार्यालय प्रतिदिन खोलने और जो भी सुविधाएं नगर पंचायत की तरफ से मिलनी चाहिए वह उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था लेकिन उनकेे आदेश के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है।

पूर्व मुखिया प्रतिनिधि अमर सिंह ने बताया कि आम लोगों की सारी सुविधाएं बंद पड़ी है जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी लंबी लड़ाई लड़ने पर मिलती है वही कबीर अंत्येष्टि, पेंशन, पारिवारिक लाभ,मनरेगा योजना समेत कई योजनाएं ठप्प पड़ी है।वही पूर्व उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन ने बताया कि नाम का नगर पंचायत हैं पूर्वी और पश्चिमी की जनता को लाॅलीपाप थमाया गया है जो दिखता है पर किसी स्वाद का नही है।

नगर पंचायत बनते ही सरकार के राजस्व,बिजली बिल समेत जमीन रजिस्ट्री में टैक्स को बढ़ा दिया गया है पर सेवा सभी ठप्प हो गयी है।यदि नगर पंचायत की सेवा नही देनी तों पंचायत की सेवा देते रहनी चाहिए थी। नगर पंचायत में सफाई कार्य ठेके पर दिया गया है। बाजार क्षेत्र में सफाई तो हो जाती है लेकिन नगर पंचायत में पडऩे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक लोग सफाई के बारे में जानते भी नहीं है। जिस समय नगर पंचायत का गठन हुआ था, यहां के लोगों को लगा था कि अब शहर जैसा सुविधा मिलेगी। लेकिन अभी तक कई सुविधा से लोग वंचित है।

वही जब कार्यालय में जाकर देखा गया तों किसान भवन के एक कमरें में टेबल कुर्सी लगाकर आफिस खोल दिया गया है जहां आज के इस डिजिटल युग में भी फ़ोटो स्टेट कराने के लिए बाजार में जाना पड़ता है। कार्यालय में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने को छोड़ कोई भी कार्य की जानकारी वरीय पदाधिकारी से मिल सकती है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग की गई है।

 

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