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पहले कोविड टीकाकरण को किया इंकार, जब मिली सही जानकारी तो किया स्वीकार - श्रीनारद मीडिया

पहले कोविड टीकाकरण को किया इंकार, जब मिली सही जानकारी तो किया स्वीकार

पहले कोविड टीकाकरण को किया इंकार, जब मिली सही जानकारी तो किया स्वीकार

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कोविड टीकाकरण से इंकार करने वाले लोग दिखा रहे समझदारी:
बिना झिझक ले रहे टीका, भ्रम में नहीं रहने की कर रहे अपील:
संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण की समझ रहे अ​हमियत:
मन में बसे डर व भ्रम को खारिज कर ले रहे कोविड का टीका:

श्रीनारद मीडिया, शेरघाटी,  (बिहार):


तारिक रजा की उम्र साठ वर्ष से अधिक हो रही है। अब वे उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने कोविड टीकाकरण करा लिया है। पहले की तरह अब उनके मन में कोविड टीकाकरण को लेकर ना तो कोई डर है और ना ही किसी प्रकार का भ्रम। लंबे समय तक कोविड टीकाकरण को सिरे से खारिज करने वाले बुजुर्ग तारिक रजा को जब कोविड टीकाकरण के बारे में तथ्यात्मक जानकारी मिली तो उन्होंने पूरी समझदारी दिखाकर अपना टीकाकरण कराया। अब वे कोविड टीकाकरण से इंकार करने वालों को टीका लेने और अनावश्यक भ्रम व डर से बचने की सलाह भी दे रहे हैं।

टीकाकरण से इंकार की वजह थी मन में बसा डरा:
बाराचट्टी प्रखंड के भदिया निवासी तारिक रजा खान बताते हैं उन्हें दिल की बीमारी और डायबिटीज है। वे एक किडनी के सहारे पर हैं। इन सब कारणों से उनके मन में लंबे समय से कोविड टीकाकरण को लेकर डर बना था। यह डर कि टीकाकरण से कोई खतरा ना बढ़ जाये। इस डर के साथ उन्होंने लंबा समय बिताया और कोविड टीकाकरण से इंकार करते रहे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के लिए टीका लेना अधिक जरूरी है ताकि उनपर संक्रमण के खतरे को टाला जा सके, तो वे इसके लिए सहज तैयार हो गये। वह बताते हैं कि कोविड नोडल अधिकारी डॉ एहतशाम उल हक के नेतृत्व में स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम उनके घर आयी। डॉक्टर की मदद से गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों पर कोविड संक्रमण के खतरे की संभावना पर विस्तार से जानकारी मिली। स्वास्थ्यकर्मियों ने इसे सुरक्षित बताया। इसके बाद मन में टीकाकरण के प्रति जो झिझक थी, वह दूर हो सकी।

इंकार करने वालों से डॉक्टर स्वयं कर रहे मुलाकात:
डॉ एहतेशाम उल हक बताते हैं इस इलाके में टीकाकरण से इंकार करने वाले लोगों की संख्या अधिक है। संभवत: डर, भ्रम या अन्य कारणों से भी लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीनेशन लेना जरूरी नहीं समझा है। यहां के करीमगंज, अंसारगंज, रजागंज व ऐसे ही इलाकों में टीकाकरण से इंकार करने वालों के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने स्वयं क्षेत्र भ्रमण कर लोगों से मुलाकात की। टीकाकरण को लेकर उनके मन में विश्वास बनाने की हर कोशिश की गयी है। अब ऐसे लोग सामने भी आ रहे हैं जो टीकाकरण पर पूरा विश्वास जताते हुए अपना और पूरे परिवार का टीकाकरण करा रहे हैं।

भ्रम व डर का नहीं बनें शिकार, लें सही जानकारी:
कोविड टीकाकरण करा चुके यहां के कुछ लोग मानते हैं कि डर या भ्रम की वजह का बड़ा कारण सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करने की आदत है। लोग तथ्यों की जानकारी नहीं रखते हैं। एक महिला का यहां तक मानना है कि कोविड टीका लेने के बाद महिलाओं को रसोईघर या आग के पास नहीं जाना चाहिए। इसका कारण पूछे जाने पर वह कहती हैं पता नहीं, लोगों से सुना है। वहीं कोविड टीकाकरण करा चुकी सबा खानम बताती हैं कि वे अपने शिशु को स्तनपान कराती हैं। पहले इस बात को लेकर जानकारी ही नहीं थी कि स्तनपान कराने वाली महिला कोविड टीकाकरण ले सकती हैं लेकिन डॉक्टर की मौजूदगी में जब इसके बारे में सही जानकारी मिली तो टीकाकरण करा लिया है। वह कहती हैं सुनी सुनाई बातों के कारण ही डर और भ्रम अधिक फैलता है।

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