प्रथम रामनाथ पांडेय शिखर सम्मान की घोषणा

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रामनाथ पांडेय ने लिखा था भोजपुरी का प्रथम उपन्यास ‘बिदिया’

पांडेय जी की रचनाएं भोजपुरी साहित्य की थाती है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सारण भोजपुरिया समाज ने प्रथम रामनाथ पाण्डेय शिखर सम्मान 2022 के नामों की घोषणा की है। सर्वसम्मति से वर्ष 2022 के प्रथम शिखर सम्मान के लिए लब्धप्रतिष्ठित रचनाकर्मी और चिंतक डा0 मयंक मुरारी एवं ख्यातिप्राप्त सूफी, शायर प्रो0 जौहर साफिहाबादी को यह सम्मान दिया जायेगा। डा मयंक मुरारी की जन्मभूमि छपरा में है, और वह वर्तमान में उनकी कर्मभूमि रांची, झारखंड है।

इन दोनों साहित्य, संस्कृति और विरासत के ध्वजवाहकों को आगामी 16 जून को पटना, बिहार में एक सादे समारोह में यह सम्मान दिया जायेगा। इसकी घोषणा समाज के संस्थापक विमलेंदू भूषण पाण्डेय ने की। इस चयन पर श्री पांडेय ने कहा कि सारण प्रमंडल के वैसे रचनधर्मी जिन्होंने अपने कर्म, धर्म और विचारों से भारतीय लोक जीवन, संस्कृति और परंपरा का संवर्द्धन एवं विकास किया है, उन्हें आगे भी सम्मानित किया जाता रहेगा।

भोजपुरी साहित्यकारों ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर आज तक किसी सरकारी सम्मान से वंचित क्यों रहे भोजपुरी के पहले उपन्यासकार पंडित रामनाथ पांडेय। युवा साहित्यकार व गीतकार शैलेंद्र सरगम ने कहा कि कम संसाधन के बीच स्व. रामनाथ पांडेय ने 1955 में भोजपुरी साहित्य का पहला उपन्यास (बिदिया) लिख दिया। 1956 में प्रकाशित करवा दिया। उसके बाद 1982 में जिनगी की राह, 1996 में महेंदर मिसिर, 1997 में इमरतिया काकी तथा 1998 में आधे आध व तीन कहानी संग्रह इन्होंने दिया। पांच पत्रिकाओं में संपादन किए। वहीं भोजपुरी भवन छपरा की स्थापना की। अपनी रचनाओं में इन्होंने समसामयिक समस्याओं को दर्शाया है। ‘जहां न जाए रवि वहां जाए कवि’ को इन्होंने अपनी रचनाओं से चरितार्थ कर बताया है।

 

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