सार्थक सिद्ध हो रहा हर-घर दस्तक अभियान: वैक्सीन की पहली डोज लेने पर बुखार-दर्द हुआ, लेकिन जीवन की रक्षा के लिए यह जरूरी है

सार्थक सिद्ध हो रहा हर-घर दस्तक अभियान: वैक्सीन की पहली डोज लेने पर बुखार-दर्द हुआ, लेकिन जीवन की रक्षा के लिए यह जरूरी है

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• परिवार के सभी सदस्यों ने लिया कोविड का टीका
• घर में कई लोगों को बुखार भी हुआ, लेकिन बिना डरे ली वैक्सीन
• अब सेकेंड डोज की बारी का इंतजार

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हर घर दस्तक अभियान भी चलाया जा रहा है। विभाग का प्रयास रंग भी ला रहा है। हर घर दस्तक अभियान सार्थक सिद्ध हो रहा है। उन लोगों को काफी सहूलियत हो रही है, जो किसी कारण से घर से दूर किसी केंद्र पर नहीं जाना चाहते हैं। जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराने को लेकर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग सजग और संकल्पित है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले में लगातार विशेष वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है।

पति-पत्नी समेत पूरे परिवार ने ली वैक्सीन:
हर घर दस्तक अभियान के तहत सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड के समसुदीनपुर गांव में सुनील राय तथा उनकी पत्नी कुसुम देवी समेत परिवार के अन्य कई सदस्यों ने अपना टीकाकरण कराया। टीका लेने के बाद परिवार के लोगों को बुखार और बदन में दर्द का भी सामना करना पड़ा। सुनील राय ने कहा कि मैं वैक्सीन लेने से डर रहा था, लेकिन उस दौर में जब टीकाकरण केंद्रों पर धक्का-मुक्की होती थी तब मेरी माँ ने अपना टीकाकरण कराया था। तब उन्हें कोई समस्या नहीं हुई थी। घर के अन्य कई लोगों ने टीका लिया था लेकिन किसी को कुछ नहीं हुआ। मुझे और मेरी पत्नी को बुखार हो गया। लेकिन जीवन की रक्षा के लिए टीकाकरण जरूरी है।

परेशानी तो हुई, लेकिन जीवन को सुरक्षित करना है:
रिविलगंज निवासी अनिता देवी ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद मुझे कुछ घंटे के लिए बुखार और दर्द हुआ था। लेकिन उसके बाद कोई समस्या नहीं हुई। थोड़ी शरीरिक पीड़ा के वजह से पूरे जीवन को दाव पर नहीं लगाया जा सकता है। खुद और परिवार की रक्षा के लिए वैक्सीन की पहला डोज मैने ले ली। अब सेकेंड डोज की बारी का इंतजार है।

हार्ट के मरीज होने के बावजूद ली वैक्सीन:
रिविलगंज के समसुदीनपुर गांव में 75 वर्षीय कन्हैया राय हार्ट के मरीज हैं। जागरूकता की कमी के कारण टीका नहीं ले रहे थे। लेकिन जब उनके परिवार के सभी सदस्यों ने वैक्सीन ले ली और रोज-रोज उन्हें भी वैक्सीन के लिए प्रेरित किया । तब उन्होंने भी अपना टीकाकरण कराया। हर घर दस्तक अभियान के तहत उन्होंने अपना टीका घर पर हीं कराया। टीका लेने के बाद उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। टीका लेने के बाद सामान्य रूप से अपनी दिनचार्या में जुट गये। अब उन्हें भी सेकेंड डोज के समय का इंतजार है।

माँ बनी बदलाव की सूत्रधार:
सुनील राय कहते हैं कि उनके घर में किसी भी व्यक्ति ने वैक्सीन नहीं ली थी। उनका एक भाई स्वास्थ्य विभाग में है तो उसने सबसे पहले टीका लिया था। वे कई बार अपने परिवार के लोगों को टीका लेने के लिए कहते रहे लेकिन शुरुआती दौर में डर की वजह कोई तैयार नहीं हुआ। लेकिन जब मेरी माँ ने खुद आगे आकर सबसे पहले टीका ली तो हर कोई प्रेरित हो गया। जिसके बाद पूरे परिवार के लोगों ने टीकाकरण कराया।

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