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टीबी स्क्रीनिंग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर कर रहे हैं भ्रमण: सिविल सर्जन - श्रीनारद मीडिया

टीबी स्क्रीनिंग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर कर रहे हैं भ्रमण: सिविल सर्जन

टीबी स्क्रीनिंग को लेकर स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर कर रहे हैं भ्रमण: सिविल सर्जन

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टीबी की रोकथाम के लिए मनाया गया निक्षय दिवस:
जिले के सभी एचडब्ल्यूसी सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित की गई गतिविधियां: सीडीओ
जिले के 67 निक्षय मित्र ने 150 रोगियों को लिया गोद: डीपीएस

श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया (बिहार)


ज़िले में क्षय (टीबी) रोगियों की जल्द पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार एवं मरीज़ों के लिए विभागीय स्तर पर संचालित योजनाओं के प्रति जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने 16 तारीख को निक्षय दिवस मनाया जाएगा। लेकिन 16 को अवकाश होने के कारण 17 को निक्षय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में इलाज़ कराने के लिए आए मरीज़ों एवं उसके परिजन सहित अभिभावकों के बीच टीबी जैसी बीमारी से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर जागरूक किया गया।

टीबी स्क्रीनिंग को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर किया जा रहा है भ्रमण: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि टीबी मुक्त अभियान में हम सभी के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुटे हुए हैं। क्योंकि वर्ष 2025 तक पूरे देश से टीबी को जड़ से मिटाना चाहते हैं। जिलेवासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि टीबी संक्रमण से मिलते-जुलते लक्षण वालों का स्पुटम (बलगम का नमूना) को अविलंब नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए। इसके लिए एचडब्ल्यूसी के सीएचओ को सेंपल/नमूने को एकत्रित कर संबंधित अस्पताल या जिला यक्ष्मा (टीबी) केंद्र भेजना सुनिश्चित करना है। वहीं टीबी स्क्रीनिंग को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण किया जा रहा है।

 

जिले के सभी एचडब्ल्यूसी सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित की गई गतिविधियां: डॉ मिहिरकान्त
संचारी रोग पदाधिकारी (टीबी) डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि जिले के सभी एचडब्ल्यूसी सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर निक्षय दिवस को लेकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ओपीडी में आने वाले रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही टीबी बीमारी से संबंधित जानकारी एवं उचित परामर्श दिया गया है। निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाइयों पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच कराई गई। स्वास्थ्य इकाइयों पर संभावित मरीजों को खुली जगह पर बैठने के लिए सलाह दी गयी है। टीबी रोगियों से निज़ात दिलाने के उद्देश्य से सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश के आलोक में स्थानीय स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा अपने-अपने स्तर से टीबी मरीजों का लगातार पर्यवेक्षण किया जा रहा है। ताकि जिले ही नही बल्कि राज्य एवं देश से उक्त बीमारी को मिटाया जा सके।

 

जिले के 67 निक्षय मित्र ने 150 रोगियों को लिया गोद: डीपीएस
ज़िला टीबी एचआईवी समन्यवयक राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लिया गया है। अभी भी इसकी प्रक्रिया चल रही हैं। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक वर्ष के लिए जबकिं अधिक से अधिक तीन वर्ष के लिए किसी ब्लाक, वार्ड या जिले के टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें पौष्टिक आहार, पोषण, आजीविका के स्तर पर आवश्यकता अनुसार मदद करनी होती है। जिले में अभी तक 67 निक्षय मित्र के द्वारा 150 टीबी मरीज़ों को गोद लिया गया है। हालांकि आगे भी निक्षय मित्र को लेकर प्रक्रिया चल रही हैं। टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सामान्य नागरिक, गैर सरकारी संस्थान एवं ज़िले के जनप्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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