मुझे नहीं पता पुलिस ने किस मामले में पकड़ा है-अयूब खान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पूर्णिया से STF के हत्थे चढ़ा सीवान के चर्चित डॉन अयूब खान को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच  सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया। मेडिकल और कोविड जांच के बाद पुलिस उसे सीवान नगर थाना लेकर चली गई है। पुलिस कस्टडी में ही अयूब खान से बात करने का प्रयास किया गया तो उसने कहा कि हमें पता नहीं है कि किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

 STF द्वारा  डॉन अयूब खान को को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीवान लाया गया।उसे नगर थाना मुफ्फसिल थाना, जीरादेई थाना सहित कड़ी सुरक्षा के बीच सीवान सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया, जहां मेडिकल जांच के बाद कोविड जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया। इसके बाद उसे पुलिस तत्काल नगर थाना लेकर चली गई। उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया।

पूर्णिया के बौसी चेकपोस्ट से STF ने गिरफ्तार करने के बाद अयूब खान को पुलिस उसे सीवान लेकर आ गई थी। इसे कई थानों में इधर-उधर रखा गया। इस पूरे मामले पर पुलिस कस्टडी में ही अयूब खान से बात करने का प्रयास किया गया कि आखिर इन पर क्या कुछ आरोप है जिन मामले में गिरफ्तारी हुई है तो अयूब खान ने कहा कि हमें पता नहीं है कि किस मामले में हमें गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी के बाद विशाल सिंह का दोस्त शुक्ला टोली (दक्षिण टोला) निवासी मुन्ना प्रसाद के 29 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार ने पुलिस के सामने राज खोल दिया था। अपनी स्वीकारोक्ति बयान में उसने बताया था कि रंगदारी वसूली के पैसों में बेईमानी के कारण बड़े भाई अयूब खान और उसके साथियों ने तीनों युवकों काे ठिकाना लगा दिया है।

पुलिस को दिए अपने बयान में संदीप कुमार के अनुसार वह और उसकी पूरी टीम जिसमें विशाल कुमार सिंह अंशु सिंह और परमिंदर यादव भी शामिल थे। सभी अयूब खान के साथ रहते हैं। उसने बताया है कि उसकी टीम में अयूब खान (बड़े भाई) सभी साथियों का हेड है। साथियों में विशाल सिंह और अमरेंद्र शर्मा को अधिक मानते थे। विशाल सिंह और अमरेंद्र शर्मा को बड़े भाई अयूब खान ने एक ही दिन दो काली रंग की स्काॅर्पियो दी थी।

जिस दिन से अमरेंद्र शर्मा और विशाल सिंह को स्कॉर्पियो मिली उसके बाद से ही विशाल सिंह, बड़े भाई अयूब खान के द्वारा बांधे गए पैसों की वसूली में बेईमानी करने लगा और उनके नाम पर अलग से रंगदारी का पैसा वसूली करने लगा था। अयूब खान को रास्ते से हटाने की बात भी जहां-तहां करने लगा था। इस बात की चुगली अमरिंदर शर्मा द्वारा बड़े भाई अयूब खान से की गई थी। एक दिन महफूज खान ने विशाल सिंह से फोन पर बात की, जिसमें विशाल सिंह द्वारा बड़े भाई अयूब खान को जान से मारने की बात कही गई।

संदीप कुमार ने अपनी गिरफ्तारी के बाद और पुलिस को दिए अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा था कि उसके बड़े भाई अयूब खान ने उसे भी धमकी दी है और कहा है कि इस पूरे मामले में तुम अपनी जुबान बंद रखना। नहीं तो तुम कहीं भाग भी जाएगा तो थी तुम्हारे परिवार को जिंदा नहीं रहने देंगे।

रामनगर आंदर ढाला निवासी अखिलेश सिंह की पत्नी सुनीता सिंह इस मामले में 9 नवंबर को नगर थाने में आवेदन देकर अपने पुत्र विशाल कुमार सिंह और उसके साथी पैगंबरपुर निवासी उपेंद्र सिंह के पुत्र अंशु सिंह और जीरादेई थाना के भलुआ निवासी परमिंदर यादव के गायब होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। विशाल सिंह का स्कॉर्पियो लावारिस हालत में पुलिस ने गोपालगंज जिला अंतर्गत मीरगंज थाना क्षेत्र से बरामद किया था। स्कॉर्पियो बरामदगी के बाद से पुलिस इन तीनों युवकों के बारे में गंभीरता से पता लगा रही थी।

7 नवंबर 2021 को हम सभी लोग बड़हरिया थाना के बीवी के बंगरा गांव में मनसूर मियां के मकान में पहुंचे। जहां बड़े भाई अयूब खान के अतिरिक्त नामजद सभी आरोपी मौजूद थे। चारों बड़े भाई से मिलने गए तो विशाल सिंह अंशु सिंह और परमेन्द्र यादव को ऊपर में ही रोक लिया गया। नीचे उतर कर सिगरेट पीने लगा करीब 2 घंटे के बाद मैं ऊपर गया तो देखा कि तीनों अलग-अलग कुर्सी पर बेहोशी की हालत में है।

बड़े भाई रिकॉर्डिंग सुन रहे थे और बोल रहे थे कि साला इसके लिए मैंने क्या नहीं किया गाड़ी दिया हथियार दिया पैसा दिया, फिर भी गद्दारी करने चला था। वहां मौजूद सभी लोग प्लानिंग कर रहे थे कि मोबाइल को कहीं अलग फेंकना है, लाश कहीं और ठिकाना लगाना है और स्कॉर्पियो ऐसी जगह रखना है जिससे पुलिस को संदेह नहीं हो।

 संदीप ने स्वीकारोक्ति बयान में जिन लोगों के नाम बताए हैं उनमें मुख्य रूप से अयूब खान, अमरेंद्र शर्मा, अमन, जावेद जुनेद, शमीम, असगर, राजू, सराय ओपी, छोटा राजू, अशरफ, महफूज, नसरू, डायमंड एवं अयूब खान के साथ रहने वाला मुजफ्फरपुर का साथी तथा अशरफ ब्यूटी स्वीट वाला शामिल है।

 संदीप ने पुलिस को बताया था कि दो नवंबर को मुजफ्फरपुर के विठनपुरा में बड़े भाई ने बैठक बुलाई थी। इसमें विशाल सिंह, अंशु सिंह और परमेंद्र यादव को एक ही गाड़ी में बिठाकर ले गया था। वहां से लौटने के बाद ही विशाल सिंह को रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई। मुझे 7 नवंबर 2021 को विशाल सिंह को साथ लेकर आने का निर्देश दिया गया।

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