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युद्ध खिंचता रहा तो परमाणु हमले का बढ़ेगा खतरा,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

युद्ध खिंचता रहा तो परमाणु हमले का बढ़ेगा खतरा,कैसे?

युद्ध खिंचता रहा तो परमाणु हमले का बढ़ेगा खतरा,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यूक्रेन पर रूस के हमले को तीन हफ्ते बीत गए हैं। यह बात स्पष्ट है कि नतीजे रूस की इच्छा के अनुकूल नहीं रहे हैं। रूस ने जिस युद्ध को कुछ ही दिन में जीत लेने की उम्मीद की थी, वह काफी लंबा खिंच रहा है। युद्ध के लंबा खिंचने के भी अपने खतरे हैं। जानकार चिंता जताने लगे हैं कि अगर रूस के मनमाफिक नतीजे मिलते नहीं दिखे, तो वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की राह पर भी बढ़ सकता है।

परमाणु बम का प्रयोग हुआ तो मच सकती है बड़ी तबाही : तबाही की बात हो तो परमाणु बम का नाम जरूर लिया जाता है। अनुमान है कि रूस के परमाणु हथियारों के भंडार में करीब दो हजार ऐसे हैं, जिनका प्रयोग युद्ध क्षेत्र में आसानी से हो सकता है। इन्हें टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन कहते हैं। इन्हें शार्ट रेंज के हिसाब से तैयार किया जाता है। वैसे तो इनकी मारक क्षमता थोड़ी कम मानी जाती है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। कई ऐसे आधुनिक टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं, जिनसे जापान के हिरोशिमा व नागासाकी पर गिरे परमाणु बमों से ज्यादा तबाही मच सकती है।

पुतिन के बयान ने बढ़ा दी है दुनियाभर की चिंता : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ दिन पहले अपने परमाणु हथियारों का हवाला दिया था। परोक्ष तौर पर यह परमाणु हमले की धमकी ही थी। उनके इस बयान ने चिंता बढ़ाई है। युद्ध जैसे-जैसे खिंच रहा है, चिंता भी बढ़ रही है। जानकारों का कहना है कि यूक्रेन में किसी भी तरह के परमाणु हमले का दुष्प्रभाव रूस पर भी पड़ेगा।

साथ ही उसका यह कदम उसे चीन से भी दूर कर सकता है, क्योंकि चीन ने परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग न करने की नीति अपनाई हुई है। ऐसे में चीन के लिए रूस का साथ देना मुश्किल हो जाएगा। इसके बावजूद माना जा रहा है कि यदि स्थितियां बदलीं तो रूस छोटे परमाणु हथियार के इस्तेमाल की राह पर चल सकता है।

पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल : सबसे बड़ी बात यह है कि रूस ऐसी कोई तैयारी कर रहा है या नहीं इसका कोई संकेत पहले से नहीं मिल सकता। बैलिस्टिक मिसाइलों या टैक्टिकल विमान वाहक से इन्हें कभी भी छोड़ा जा सकता है।

दुनियाभर में बढ़ सकती है होड़ : युद्ध में परमाणु हथियारों का प्रयोग हो या न हो, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम जरूर देखने को मिलेंगे। यूक्रेन ने जब अपने परमाणु हथियारों को खत्म किया था, तब उसे बड़ी ताकतों से सुरक्षा मिलने की उम्मीद थी। अब रूस के हमले ने इस बारे में देशों को सोचने पर मजबूर किया है। अभी अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं। नए हालात में यह होड़ बढ़ सकती है।

रूस की ओर से रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का डर भी बड़ा : एक समय रूस के पास रासायनिक हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा था। इनमें सरीन और वीएक्स जैसे नर्व एजेंट से लेकर मस्टर्ड गैस और जानलेवा फास्जीन जैसे रासायनिक हथियार शामिल थे। वैसे तो रूस दावा करता है कि 2017 तक उसने इन हथियारों को नष्ट कर दिया था, लेकिन 2018 और 2020 में कुछ जगहों पर इनके इस्तेमाल के प्रमाण मिलते हैं। अमेरिका और उसके कुछ सहयोगी देश तो यहां तक कह रहे हैं कि रूस अपने ही कुछ सैनिकों को रासायनिक हमले का शिकार दिखाकर यूक्रेन पर इनके इस्तेमाल का आरोप लगा सकता है और बदले में खुद बड़े पैमाने पर इनका प्रयोग कर सकता है।

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