बजट 2022-23 में  आम जन को कुछ नहीं, उलटा जेब काटने वाला बजट ः विधायक सत्यदेव राम 

बजट 2022-23 में  आम जन को कुछ नहीं, उलटा जेब काटने वाला बजट ः विधायक सत्यदेव राम
मजदूरों, किसानों के लिये ‘‘विष का प्याला’’, कॉरपोरेटों के लिये ‘‘अमृत’’

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श्रीनारद मीडिया‚ अमित कुमार‚ दरौली‚ सीवान (बिहार)

भाकपा माले डुमरहर पंचायत का 13 वा पंचायत सम्मेलन दिनाँक 02,02,2022 को स्थान कॉमरेड नंदकिशोर हाल कॉमरेड हरेंद्र राजभर नगर डुमरहर में सम्पन्न हुआ

आम बजट में युवाओं को 60 लाख रोज़गार सृजन करने और आत्म निर्भर की आश्वाशन जुमला

विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति एवं सस्ती व अच्छी शिक्षा प्रदान करना आम बजट से गायब
श्री नारद मीडिया दरौली अमित कुमार
सम्मेलन में दरौली के विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि
महामारी और महंगाई से त्रस्त छात्र – युवा एवं आम लोगों के उम्मीद के विरूद्ध आम बजट में विभिन्न विभागों में खाली पद को स्थाई रूप से नियुक्ति करने की ठोस योजना बजट से गायब हैं केवल पांच राज्यों के चुनावी लॉलीपॉप के रूप में युवाओं को साधने के लिए 60 लाख रोजगार दो करोड़ रोजगार देने के तरह ही सरकार का जुमला है। देश बड़े पैमाने पर बेरोजगारी से जूझ रहा है। युवाओं एवं आम लोगों के लिए रोजगार और आय की गारंटी के सृजन के बारे में बजट मात्र झासा है। बिना कोई ठोस रोडमैप प्रदान किए 60 लाख नौकरियां देने की घोषणा वास्तविक वादे से ज्यादा जुमला हैं
शिक्षा में मामूली वृद्धि से दो वर्षों से प्रभावित शिक्षा व्यवस्था की भरपाई के लिए सीमित वृद्धि पर्याप्त नहीं है.
लच्छेदार शब्दों की बाजीगरी और भ्रामक बातों से युक्त मोदी सरकार का केंद्रीय बजट 2022-23 कोरोना से लेकर बेरोजगारी, महंगाई और आय और मजदूरी में भारी गिरावट की मार झेल रहे देश के मेहनतकश अवाम पर एक और मार है, हमला है. उन्हें इस संकट और पीड़ा के दौर से निकालने के बजाये, यह बजट उनकी ही जेब काटने वाला साबित हुआ है. बल्कि जब आम जन ‘‘विष काल’’ में तबाह हो रहा है, परपीड़क मोदी सरकार बेशर्मी से इसे ‘अमृत काल’ कह कर करोड़ों पीड़ितों का उपहास कर रही है. यह बजट अवश्य ही कॉरपोरट घरानों और अति-धनिकों के लिये ‘‘अमृत’’ है जिनके लिये कॉरपोरेट टैक्स को लगातार घटाकर अधिकतम 15 प्रतिशत कर दिया गया है और निजीकरण की मुहिम को और अधिक तेज कर दिया है जिसके तहत रेल में चल रहे निजीकरण को और बढ़ावा देने के अलावा एलआईसी को भी खोल दिया गया है.
बजट में व्यापक आबादी वाले हिस्से किसान-मजदूरों की लम्बे समय से चली आ रही मांगों और आंदोलन को दरकिनार कर दिया गया है. सबसे पीड़ित असंगठित व प्रवासी मजदूरों से लेकर आशा व अन्य स्कीम समेत फ्रंटलाइन वर्कर्स को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है.
करीब 8 साल पहले हर साल दो करोड़ रोजगार देने के वायदे से शुरू करने वाली मोदी सरकार, जिसने पिछले कुछ सालों में ही 20 करोड़ से अधिक रोजगार नष्ट कर दिये हैं, अब इस बजट में ‘गतिशक्ति’ योजना के जरिये सिर्फ 60 लाख रोजगार देने की बात कर रही है, और वो भी कब तक पता नहीं. ‘यह बजट युवाओं का सपना’ होने के बजाये करोड़ों बेरोजगारों के लिये बुरा सपना है, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
किसानों की आय 2022 में दोगुना करने की बात तो दूर, एमएसपी पर कानूनी गारंटी की बात तो दूर, उल्टे बजट में एमएसपी को बजटीय आवंटन घटा कर कमजोर कर दिया गया है.
‘अगले 25 सालों के विजन का बजट’, जैसा कि वित्त मंत्री ने इसे बताया, जहां एक ओर महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, असमानता बढ़ाने वाला है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्र की परिसंपत्तियों और संसाधनों की कॉरपोरेट लूट तेज करने वाला है और देश की अर्थव्यवस्था को डुबोने वाला है.
देश के मजदूर वर्ग और समस्त आम जन को इस बजट का एकजुट होकर विरोध करना होगा.मौके पर दरौली मुखिया लालबहादुर कुशवाहा,बचा भगत, जगजीतन शर्मा,कपिल साह, शेषनाथ राम,वीरेंद्र राजभर,नन्दजी राम,राबड़ा देवी,सुनैना देवी,छोटेलाल चौहान,आदि लोग रहे।

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