भारत ने कभी विदेशों में जाकर धर्म स्थल नहीं तोड़े-राज्यपाल

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर बिक्रमगंज पहुंचे। उन्होंने यहां काली मंदिर परिसर में आयोजित हिंदू नववर्ष उत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया एवं लोगों को संबोधित किया। मौके पर राज्यपाल ने कहा कि अमृतकाल स्वजागरण का काल है और भारत स्वजागरण से विश्वगुरु बनेगा। इसके पूर्व राज्यपाल का हेलिकाॅप्टर बिक्रमगंज इंटर स्कूल मैदान में लैंड किया, जहां से उनका काफिला कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा।

कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ। कार्यकम को मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्य प्रचारक इंद्रेश कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व विधायक राजेश्वर राज द्वारा किया गया था।

मौके पर संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारत ने कभी विदेशों में जाकर धर्म स्थल नहीं तोड़े। कहा कि स्वामी विेवेकानंद अमेरिका के शिकागो में शस्त्र लेकर नहीं गए थे, वे शास्त्र लेकर गए थै। कहा कि हमने बाहर जाकर कभी अत्याचार नहीं किए। कहा कि स्व का जागरण फिर से करने की आवश्यकता हे। 2047 में स्वतंत्रता के 100 साल हो जाएंगे, आने वाले 25 सालों का काल अमृतकाल है। स्व का जागरण करना, स्वदेशी का जागरण करना, स्व परंपरा का जागरण करना, स्व संस्कृति का जागरण करना, स्व इतिहास का जागरण करना। जब हम सबके सामने लाएंगे, तब हमारा आने वाला 25 साल सच्चे अर्थों में अमृतकाल बनेगा और भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।

कहा कि भारतवर्ष की काल गणना पश्चिम से ज्यादा वैज्ञानिक है। हमारी कालगणना नक्षत्र एवं राशि के भ्रमण के आधार पर हुआ हैं। चैत्र मास, वैशाख हो या सावन-भादों सभी के नामाकरण का शास्त्रीय एवं वैज्ञानिक कारण है। अंग्रजी प़द्धति की कालगणना मनमानी पर आधारित है। भारत में अंग्रेजी कालगणना दो सौ साल मान रहे हैं, लेकिन सदियों तक अपनी परंपरा की कालगणना थी, जिसे हम भूल रहे हैं। इसलिए आज आवश्यकता स्व जागरण की है। स्व कालगणना हो, स्व भूगोल हो, स्व इतिहास हो। अगले 25 साल स्वजागरण का है जिसे प्रधानमंत्री ने अमृतकाल कहा है। कहा कि इकबाल की कविता सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमारा का भाव आना चाहिए।

 

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