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इंदिरा गांधी की भारत के निर्माण में थी अहम भूमिका- मल्लिकार्जुन खरगे - श्रीनारद मीडिया

इंदिरा गांधी की भारत के निर्माण में थी अहम भूमिका- मल्लिकार्जुन खरगे

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

“जब तक मुझ में साँस है तब तक सेवा ही नहीं जायेगी और जब मेरी जान जायेगी तब मैं ये कह सकती हूँ कि…एक एक खून का क़तरा जितना मेरा है, वह एक-एक ख़ून का क़तरा …एक भारत को जीवित करेगा।”

~ श्रीमती इंदिरा गाँधी

कांग्रेस ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 39वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने एक मजबूत और प्रगतिशील भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए इंदिरा गांधी की सराहना की।

भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज ही के दिन 1984 में उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। खरगे और पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यहां पूर्व प्रधानमंत्री को उनके स्मारक ‘शक्ति स्थल’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में खरगे ने देश के प्रति उनके समर्पण को उजागर करने के लिए इंदिरा गांधी का एक उद्धरण पोस्ट किया।

देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कि आज 39वीं पुण्यतिथि है। वह देश भर में आयरन लेडी के नाम से मशहूर थीं। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 में प्रयागराज में हुआ था। वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इकलौती संतान थीं। राजनितिक परिवार में जन्मी इंदिरा गांधी भी राजनीतिक क्षेत्र में सबसे आगे थीं। वह आजाद भारत की पहली महिला थीं जिन्होंने सरकार बनाई और पूरे भारत का नेतृत्व किया था।

उनके बाद देश को अब तक कोई भी महिला प्रधानमंत्री नहीं मिल पाई है। लोग आज भी उन्हें याद करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में काफी अहम फैसले लिए हैं जिसकी वजह से पूरे देश में क्रांति आ गई थी। उन्होंने अपने कार्यकाल में खुद की अच्छी खासी पहचान बनाई और आज भी वह सभी के जहन में बसी हुई हैं।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के घर पुत्री का जन्म 19 नवंबर 1917 में हुआ था। वह पुत्री कोई और नहीं बल्कि इंदिरा गांधी थीं। महाराज 11 साल की उम्र में ही इंदिरा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेवा का गठन किया था जिसका नाम उन्होंने ‘मंकी ब्रिगेड’ रखा था। ये बच्चे भारतीय झंडे बांटते थे और पुलिस की जासूसी करते थे। उसके बाद वह 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई थी।

इसके बाद उन्होंने 1964 में राज्यसभा की सदसयता ली। उसके साथ ही वह अपने पिता का भी राजनीतिक क्षेत्र के कार्यों में हाथ बटाने लगीं। उन्हें 1966 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था। 31 अक्टूबर 1984 में उनका देहांत हो गया। दरअसल, 1984 में पंजाब विद्रोह का मुकाबला करने के लिए अमृतसर में हरमंदिर साहिब पर हमले का आदेश देने के कुछ महीनों बाद उनके सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। आज उनकी मौत हुई 39 साल पूरे हो चुके हैं, आज उनकी 39वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

इंदिरा गांधी के दमदार फैसले

बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया

बैंक का लाभ हर वर्ग के इंसान तक पहुंचाने के लिए देश की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। दरअसल 1966 में भारत में सिर्फ 500 बैंक शाखाएं मौजूद थी, लेकिन आम आदमी इन बैंकों में पैसा जमा नहीं कर पता था। इस वजह से इंदिरा गांधी ने ये फैसला लिया जो बहुत महत्वपूर्ण था। इस फैसले के बाद देश में विकास शुरू हुआ।

कांग्रेस का विभाजन किया

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हर कोई यह समझ गया था कि उन्हें इस क्षेत्र में रोकना मुमकिन नहीं है। वह कोई साधारण महिला नहीं है। इस वजह से कांग्रेस के सिंडिकेट उन्हें पद से हटाने की तैयारी करने लगे। इसी दौरान इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी का विभाजन कर दिया। यह उनके कार्यकाल का सबसे दबंग और हिटलर शाही फैसला था।

पाकिस्तान से युद्ध कर बांग्लादेश के निर्माण में सहयोग किया

जब से देश आजाद हुआ था तब से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद और युद्ध लगातार जारी रहा था। दरअसल उसे वक्त पाकिस्तान को अमेरिका का पूरा साथ मिल रहा था। लेकिन इंदिरा गांधी उसे वक्त भी किसी से नहीं डरी और डटकर इस मामले को लेकर लड़ती रही। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान पर हमला करने का आदेश दिया और उसी के चलते उसे इलाके को आजाद करवाया, फिर बांग्लादेश का निर्माण भी उनके सहयोग से ही किया गया।

आपातकाल

इंदिरा गांधी के शासनकाल का सबसे बड़ा फैसला आपातकाल रहा है। दरअसल, 1975 में जब उन्हें एक चुनावी अपराध का दोषी ठहराया गया और 6 साल के लिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया तो उन्होंने आपातकाल लगा दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने प्रेस की आजादी को रोक दिया गया और कई बड़े फेरबदल किए।

पहला परमाणु परीक्षण

चीन से आसन्न खतरे से बचने के लिए इंदिरा गांधी ने परमाणु कार्यक्रम को अपनी सूचि में सबसे ऊपर रखा। साथ ही लगातार वैज्ञानिकों को उत्साहित कर वैज्ञानिक संस्थाओं को बढ़ावा दिया। जिसके बाद भारत ने पहली बार पोखरण में स्माइलिंग बुद्धा आपरेशन के नाम से 18 मई 1974 को परमाणु परीक्षण हुआ जो उनके कार्यकाल का महत्वपूर्ण कार्य है।

प्रिवी पर्स को किया समाप्त

1971 में भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा सभी नागरिकों के समान अधिकारों के आधार पर और सरकार के अनावश्यक खर्च को कम करने के लिए संसद के दोनों सदनों में 26वां संविधान संशोधन विधेयक पारित करके प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया था। प्रिवी पर्स और कुछ नहीं बल्कि भारत सरकार द्वारा रियासती परिवारों (शासकों के कार्यकाल के दौरान) को वार्षिक आधार पर दिया जाने वाला एक वार्षिक भुगतान था। बता दें, प्रिवी पर्स एक नए जन्मे स्वतंत्र राष्ट्र पर एक अतिरिक्त आर्थिक दबाव था। इसकी वजह से गरीबी, भूख और सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ गई थी। ऐसे में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने प्रिवी पर्स को समाप्त करने के लिए मुकदमा चलाया था और उसे समाप्त कर दिया।

आपरेशन ब्लू स्टार

आपरेशन ब्लू स्टार में स्वर्ण मंदिर को नुकसान हुआ और सैकड़ों जानें गईं थीं इस वजह से इंदिरा गांधी का ये फैसला उनकी गलती माना जाता है। दरअसल, पंजाब में खालिस्तान की मांग तेज हो गई थी और धीरे-धीरे देश आतंकवाद की चपेट में आ गया था। इतना ही नहीं जनरैल सिंह भिंडरावाला भी खालिस्तान का नेता बन गया था जिसके बाद उसने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा किया। वहीं बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जमा किए जा रहे थे।

ऐसे में इंदिरा गांधी ने भिंडरावाला को अमृतसर मंदिर निकालने के लिए आदेश जारी किया जिसके बाद उनके आदेश पर सेना ने ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भिंडरावाला और उसके साथी को भी मार गिराया। ऑपरेशन तो सफल रहा लेकिन इसके चलते कई लोगों की जानें चली गई साथ ही स्वर्ण मंदिर को भी बहुत नुकसान हुआ। सिखों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचीं। इस वजह से वह काफी ज्यादा गुस्साएं हुए थे और इसी के चलते 31 अक्टूबर 1984 में सिख गार्डों ने उनकी हत्या कर दी थी।

इंदिरा गांधी की दो बड़ी गलतियां

इतना ही नहीं उन्होंने तत्कालीन सोवियत संघ के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक संधि पर हस्ताक्षर करके भारत को काफी हद तक सुरक्षा प्रदान की। लेकिन उसके बाद भी इंदिरा गांधी की दो बड़ी गलती उनके पूरे शासन काल में प्रमुख मानी जाती है। इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के साथ ही ऑपरेशन ब्लू स्टार को उनके शासन के अंत का कारण माना जाता है।

 

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