सफेद कबूतर को उड़ा कर मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस

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श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के जोगापुर कोठी गांव में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और बच्चों ने समाजसेवी नवीन सिंह पटेल के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर सफेद कबूतर को हवा मे छोड़ते हुए कहा कि सुख,समृद्धि और मानसिक खुशी आदि निवास शांति में ही निहित है।उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाता है।

यह दिवस सभी देशों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति और खुशी का एक आदर्श माना जाता है। ‘विश्व शांति दिवस मुख्य रूप से पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है। शांति सभी को प्यारी होती है। बता दें कि विश्व शांति दिवस साल 1981 से मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में इस दिन को मनाने की घोषणा की ताकि तमाम देशों और उनके लोगों के बीच शांति कायम रह सके। उस वक्त का थीम राइट टू पीस ऑफ पीपल्स था।

साल 1982 से लेकर विश्व शांति दिवस को हर साल सितंबर महीने के तीसरे मंगलवार के दिन मनाया जाता है।बाद में इसे बदलकर साल 2002 में 21 सितंबर कर दिया गया। 2002 के बाद से यह दिवस 21 सितंबर के दिन ही हर साल मनाया जाता है।वहीं सफेद कबूतरों को हमेशा से शांतिदूत माना जाता है, इसलिए इस दिन सफेद कबूतरों को उड़ाने की परंपरा भी है। शांति किसे प्यारी नहीं होती? शांति की ही खोज में मनुष्य अपना जीवन न्यौछावर कर देता है। लेकिन अफसोस आज इंसान दिनोंदिन इस शांति से दूर होता जा रहा है।

आज चारों तरफ फैले बाजारवाद ने शांति को हमसे और भी दूर कर दिया है।हमें यह समझना होगा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है, मानव कल्याण की सेवा से बढ़कर कोई धर्म है।भाषा संस्कृति, पहनावे आदि भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, लेकिन विश्व के कल्याण का मार्ग एक ही है। मनुष्य को नफरत का मार्ग छोड़कर प्रेम के मार्ग पर चलना चाहिए। शांति के महत्व को स्वीकार करते हुए संयुक्त राष्ट्र में 1981 में एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें कहा गया कि हर 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाया जाएगा।


कई लोग अशांति का कारण विज्ञान को बताते है। किन्तु यह बात सर्वथा गलत है। विज्ञान तो एक साधन है। उसे भले काम में भी लगाया जा सकता है और बुरे काम में भी जिस प्रकार बिजली आदि वैज्ञानिक अविष्कारों ने विश्व को नयी की राह दिखाई
है और जीवन को सुखी बनाया है। इस मौके पर सोशल वर्कर नवीन सिंह पटेल, मोहम्मद उमर,
नौशाद आलम, शहजाद तौकीर, फिरदौस, अराध्या पटेल आदि थे।

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