Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
क्या बिहार में 'ब्रेकअप' होने वाला है,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

क्या बिहार में ‘ब्रेकअप’ होने वाला है,क्यों?

क्या बिहार में ‘ब्रेकअप’ होने वाला है,क्यों?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

बिहार विधानसभा में ये है सीटों का गणित

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में सियासी उलटफेर की खबरें लगातार चल रही हैं। नीतीश कुमार को लेकर अटकलबाजी तेज हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश एनडीए ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि, महागठबंधन के नेता कह रहे हैं सबकुछ सही है। वहीं, अब नीतीश कुमार के पुराने दोस्त जीतन राम मांझी ने बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की ओर इशारा किया है।

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को एक बार फिर दावा किया कि बिहार की राजनीति में बड़ा खेल होने वाला है। उन्होंने दावा किया कि 25 जनवरी के बाद जदयू और राजद की राह अलग हो जाएगी। जीतन राम मांझी ने कहा कि जदयू का नया ठिकाना कहां होगा, यह अभी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि खेला होगा और खेला शुरू हो गया है।

‘बाकी तो आप खुद समझदार हैं…’

बता दें कि नीतीश कुमार के इंडी गठबंधन को छोड़ एनडीए में शामिल होने को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। मांझी ने मंगलवार को भी कहा था कि बिहार में खेला होने वाला है। उन्होंने एक्स पर लिखा था- बंगला में कहते हैं, “खेला होबे”, मगही में कहते हैं, “खेला होकतो”, भोजपुरी में कहते हैं, “खेला होखी”.. बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…।

नीतीश को लेकर अटकलबाजी कहां से शुरू हुई?

बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah On Nitish Kumar) ने बीते दिनों एक अखबार को इंटरव्यू दिया था और उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर बड़े संकेत दिए थे। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जब अमित शाह (Amit Shah) से पूछा गया कि पुराने साथी जो छोड़कर गए हैं नीतीश कुमार आदि अगर वापस आना चाहेंगे तो क्या उनके लिए रास्ते खुले हैं?

इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती है। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा। शाह के इस बयान के बाद से प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है।

नीतीश कुमार ने किया पीएम मोदी का धन्यवाद

वहीं, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तो यहां कह दिया कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी ज्वाइन करेंगे तो वह खुद उनका स्वागत करेंगे। दूसरी ओर, मंगलवार को केंद्र सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान किया। जिसके बाद नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का पटना की रैली में धन्यवाद किया।

 बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार के वंशवादी राजनीति के बयान और रोहिणी आचार्य के एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यहां (बिहार) 6-5 का खेल चल रहा है, दोनों हार्ड बार्गेनर हैं… जैसे ही नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर वंशवाद की राजनीति पर तंज कसा, रोहिणी आचार्य ने इस संबंध में पोस्ट किया।

उन्होंने कहा कि जल्द ही पोस्ट को डिलीट कर दिया गया, ‘क्योंकि नीतीश कुमार टाइट हो गए…’ नीतीश कुमार ने बीजेपी की ओर इशारा करके लालू यादव को डरा दिया… वह लगे रहे एक गाना गा रहे हैं कि वह फिर से बीजेपी के साथ एकजुट होंगे, लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि (बीजेपी के) दरवाजे उनके लिए बंद हैं।

लालू को भाजपा का डर दिखाते हैं नीतीश : गिरिराज

गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं सबसे भिन्न हूं। यह 6-5 का खेल चल रहा है। ये दोनों हार्ड बार्गेनर हैं। ये जब से हैं, तब से बार्गेनिंग चल रही है।

आप देखें एक दिन राजद ने कहा कि लालू के आशीर्वाद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। तुरंत नीतीश जी के मंत्री ने बयान दे दिया कि अमित शाह जी ने कुछ खिलाफ नहीं बोला है।

इसके दूसरे ही दिन लालू जी पिता-पुत्र पहुंच गए, घुटने टेक दिए। फिर जब नीतीश जी टाइट हुए.. कर्पूरी ठाकुर के नाम पर परिवारवाद पर हमला किया। तब रोहिणी ने ट्वीट कर दिया फिर जब टाइट हुए तो वो ट्वीट हटा।

ये 6-5 का खेल चल रहा है। नीतीश कुमार बार-बार लालू को भाजपा की ओर इशारा करके डराते हैं। मैंने पहले भी कहा कि ये गाना गाते रहते हैं.. मैं मयके चली जाऊंगी; तुम देखते रहिओ…, लेकिन मयके का दरवाजा बंद है। ये वो नहीं बताते।

राहुल गांधी ज्ञान यात्रा पर आओ : गिरिराज

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें कुछ नहीं पता है वो क्यों बयान देते हैं, किस पर बयान देते हैं, गठबंधन है कि नहीं है, बस चल रहे हैं.. मैं तो अभी भी कह रहा हूं कि आप भारत न्याय यात्रा को छोड़ो, ज्ञान यात्रा पर आओ। ज्ञान अगर हो गया तो सब कुछ हो गया है।…”

उन्होंने आगे कहा, “आम उम्मीदवार देने की मानसिकता उस दिन भी नहीं थी और आज भी नहीं है जहां स्वार्थों का मेल जोल हो वहां आम उम्मीदवार कहां होगा। आम उम्मीदवार तब होता है जब स्वार्थहीन गठबंधन हो।”

बिहार विधानसभा में सीटों का गणित

बिहार की राजनीति में अब किसी भी पल कुछ बड़ा हो सकता है। नीतीश कुमार के पुराने दोस्त जीतन राम मांझी ने कह दिया है कि 31 जनवरी तक जदयू और राजद में फूट तय है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में ‘खेला’ चालू है।

इस सबके बीच नीतीश कुमार के बेहद करीबी और जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी दिल्ली पहुंच गए हैं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी को भी दिल्ली बुला लिया है। ऐसे में सियासी अटकलबाजी का दौर जारी है। बिहार की राजनीति को लेकर अब लोगों के मन में भी कई तरह के सवाल हैं। वहीं, हम आपको इस आर्टिकल में बिहार विधानसभा की मौजूदा स्थिति बताने जा रहे हैं।

2020 का चुनाव परिणाम

बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में 75 सीटों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

लालू यादव की पार्टी के बाद 74 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही। सत्तारूढ़ गठबंधन को लीड कर नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड महज 43 सीटें ही जीत सकी। इनके अलावा, आरजेडी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी के 19 उम्मीदवार चुनाव जीते। भाकपा (माले) ने 12 सीटों पर परचम लहराया।

वहीं, AIMIM ने 5 सीटें जीती, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 4 सीटें जीती, विकासशील इंसान पार्टी ने 4, सीपीआई ने 2, सीपीआई-एम ने 2, निर्दलीय एक, लोक जनशक्ति पार्टी ने 1, बहुजन समाज पार्टी ने 1 सीट जीती। वहीं, 2022 में सीटों का गणित बदल गया।

अब क्या है सीटों का मौजूदा गणित

 राष्ट्रीय जनता जल के पास अब 79 सीटें हैं। AIMIM के पांच में से 4 विधायक राजद के साथ आ गए। जदयू का भी समीकरण बदल गया। 43 से 45 सीटें हो गईं। वहीं, कांग्रेस 19 पर है, सीपीआई एम-एल 12 पर है, सीपीआई 2 पर है, सीपीआई (एम) 2 पर है, निर्दलीय एक है। बीजेपी 78 सीटों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है। वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास 4 सीटें हैं। अब AIMIM के पास सिर्फ एक विधायक है।

साल 2022 में क्या हुआ था?

बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2020 का चुनाव बीजेपी के साथ लड़ा था। बीजेपी ने जहां इस चुनाव में 74 सीटें जीती फिर भी 43 सीटें जीतने वाली जदयू के मुखिया नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी पर बैठाया। हालांकि, 2 साल में ही फूट सामने आ गई। इसके बाद नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ दिया।

नीतीश महागठबंधन के साथ गए और फिर से मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री बनाया। हालांकि, अब एक बार फिर बिहार में सियासी उलटफेर की आशंका नजर आ रही है। ध्यान रहे कि बिहार में सरकार बनाने के लिए जादूई आंकड़ा 122 है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!