Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
प्रारब्ध की बात, राघव की याद  कर छलक आए श्री राजन जी महाराज के नयन  - श्रीनारद मीडिया

प्रारब्ध की बात, राघव की याद  कर छलक आए श्री राजन जी महाराज के नयन 

प्रारब्ध की बात, राघव की याद  कर छलक आए श्री राजन जी महाराज के नयन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

प्रसिद्ध आध्यात्मिक व्यक्तित्व परम पूज्य राजन तिवारी जी का मंगल सान्निध्य दे गया सानंद

वीडियो में देखे क्‍या कह रहे है श्री राजन जी महाराज

✍️गणेश दत्त पाठक , श्रीनारद मीडिया, सीवान :

2015 का साल मेरे लिए बड़ा दुखद रहा था। जब मेरा ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ था और अपने माता पिता के स्वर्ग सिधार जाने के बाद दुनिया के वास्तविक चेहरे से साक्षात्कार हुआ था। स्वास्थ्य की नाजुक परिस्थिति को देखते हुए सिवान स्थित घर के एक कमरे तक मेरी दुनिया सिमट चुकी थी। शायद उस दौरान तनाव और अवसाद मेरी नियति बन सकते थे। लेकिन पंडित राजन तिवारी (श्री राजन जी महाराज) के एक भजन, ‘जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा’ ने मेरे आध्यात्मिक अहसास को तरंगित किया था। फिर एक आदत सी बन गई। सुबह से शाम तक पंडित राजन तिवारी के भजनों के साथ समय के पल बीते। तनाव और अवसाद तो दूर जिंदगी की दुश्वारियों के बीच अध्यात्मिक तरंगों की गूंज ने जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया था।

दिनांक 27 अप्रैल 2022, दिन बुधवार का दोपहर मेरे लिए बेहद भावुक पल बन गया। जब बेहद सरल, सहज और संवेदनशील आध्यात्मिक व्यक्तित्व परम पूज्य पंडित राजन तिवारी जी का मंगल सान्निध्य मिला। चर्चा अध्यात्म पर चली, चर्चा जिंदगी के हर आयाम पर चली, चर्चा सामाजिक विसंगतियों पर चली। पर मन तो पंडित राजन तिवारी के प्रति श्रद्धा के आवेग में आभार के आगोश में लिपटा था। उस सकारात्मक ऊर्जा को नमन कर रहा था, जो मेरे जीवन में आई विपदा के समय पंडित राजन तिवारी के स्वर के साथ मेरे आलंबन का आधार बन गया था। चर्चा लंबी चली। सवाल हजारों थे। सापेक्षिक रूप से समय कम था। कुछ पल में जिज्ञासाओं को समेटने की कोशिश भी थी।

हर व्यवस्था हरि के हाथ की संकल्पना से जीवन हो जाता निर्मल

चर्चा के दौरान जब प्रसंग प्रारब्ध का आया तो पंडित राजन तिवारी की आंखें आध्यात्मिक कृतज्ञता से अभिभूत होकर छलक उठीं। संसार में हर गतिविधि में प्रभु कृपा के बानगी को स्वीकार करने वाले पंडित राजन तिवारी ने जिंदगी के एक महान दर्शन से साक्षात्कार भी कराया। उनका कहना था कि मानव जब कर्ता स्वयं को मानता है तभी वह अभिमान के चंगुल में फंसता है। लेकिन जब हर व्यवस्था हरि के हाथ की संकल्पना को स्वीकार कर लेता है तो उसका अस्तित्व निर्मल और चित्त तनाव से मुक्त हो जाता है।

सिवान के ही मूल निवासी हैं पंडित राजन तिवारी

बेहद गौरवमयी तथ्य यह भी रहा कि पंडित राजन तिवारी मेरे गृह जनपद सिवान के ही रहने वाले हैं। वे सिवान के गुठनी प्रखंड के तड़का पंचायत के ताली गांव के निवासी है। देश विदेश में अपने भजनों और रामकथा वाचन से अध्यात्म की सरिता बहाने वाले इन दिनों अपने गृहनगर सिवान के हीर मकरियार गांव में राम कथा का वाचन कर रहे हैं। पंडित राजन तिवारी जी चर्चा के क्रम में अपने आध्यात्मिक अनुभवों के निष्कर्षों को बताते जा रहे थे और मन आध्यात्मिक आनंद के सागर में गोते भी लगाता जा रहा था। चर्चा के अनगिनत आयाम थे। बातों का लंबा सिलसिला था। पर परम् पूज्य श्री राजन जी  महाराज का संदेश बस इतना ही था बंदगी राघव की, जिंदगी सुख की।

 

यह भी पढ़े

वरीय उप समाहर्ता ने पानापुर अंचल का किया जांच

बड़हरिया में अपराधियों ने बाइक छीनने की नाकाम कोशिश, मोबाइल और बाइक की चाबी छीनकर भागे

ससुराल वालों ने पत्‍नी की नहीं की विदाई तो जीजा साली को लेकर हो गया फरार

बिहार समाज अबू धाबी के सदस्यो ने अबुधाबी के रोजेदार और जरुरतमंदो के बीच इफ्तार की सामग्री किया वितरण   

शाइर , अदीब एवं समाज सेवी डाॅ. ऐनुल बरौलवी “भारत माता अभिनंदन सम्मान – 2022” से सम्मानित

Leave a Reply

error: Content is protected !!