कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिये खानपान की बेहतर आदतों को बढ़ावा देना जरूरी: डीडीसी

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पोषण माह अभियान के तहत संचालित पोषण परामर्श केंद्र का डीडीसी ने किया उद्घाटन:
स्वस्थ व समृद्ध समाज के निर्माण के लिये उचित पोषाहार के प्रति लोगों को जागरूक होना जरूरी:

श्रीनारद मीडिया,  अररिया, (बिहार):


जिले को कुपोषण से जुड़ी समस्या से निजात दिलाने के लिये विशेष पोषण माह का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को आईसीडीएस कार्यालय अररिया परिसर में पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन डीडीसी मनोज कुमार, सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान सहित अन्य ने सामूहिक रूप से किया। पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन करते हुए डीडीसी मनोज कुमार ने कहा कि कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिये नियमित रूप से उचित पोषाहार का सेवन जरूरी है। बेहतर खान पान की आदतों के साथ हम हम अपने रहन सहन में मामूली बदलाव के जरिये जिले को कुपोषण से जुड़ी समस्या से निजात दिला सकते हैं। इसके लिए जिले सितंबर माह राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सामुदायिक स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। पोषण माह का मुख्य बच्चों, किशोरों व महिलाओं को उचित पोषाहार की जानकारी देते हुए स्वस्थ व समृद्ध समाज का निर्माण करना है। लोगों को उचित पोषण संबंधी जानकारी देने के लिये पोषण परामर्श केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस क्रम में लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करने के साथ धात्री व गर्भावस्था महिलाओं के उचित पोषण की जरूरतें, स्तनपान व छह माह से अधिक उम्र के बच्चों के लिये ऊपरी आहार के महत्व से अवगत कराना है।

पोषण के पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाने की कवायद: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा पोषण माह के दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों स्तर से कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन इसमें शामिल किये गये हैं। इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है।

गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन का सेवन महत्वपूर्ण: डीपीओं
आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान ने बताया बच्चों के समुचित विकास के लिये उचित पोषाहार का सेवन जरूरी है। गर्भधारण करने से लेकर धात्री महिलाओं के लिये भी पोषण युक्त आहार का सेवन जरूरी होता हे। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन स्वस्थ शिशु के जन्म के लिये जरूरी है। गर्भावस्था व जन्म के बाद के शुरुआती दो वर्ष बच्चों के मस्तिष्क सहित अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। बच्चों के समुचित विकास के लिये नियमित आहार में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, वसा व कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा का होना उनके स्वस्थ व सेहतमंद जींदगी के लिये जरूरी है।

विभिन्न स्तर पर संचालित गतिविधियों को किया जा रहा अनुश्रवण: कुणाल
जिला पोषण समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव ने कहा पोषण माह के दौरान जिले के सभी परियोजना कार्यालय व संबंधित अन्य विभागों की मदद से निर्धारित कैलेंडर के मुताबिक उचित पोषण को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। आयोजित गतिविधियों को विभागीय निर्देश के मुताबिक विभाग के जन आंदोलन डैशबोर्ड पर अपलेाड किया जा रहा है। महिला पर्यवेक्षिका, प्रखंड समन्वयक, परियोजना सहायक के द्वारा पोषण अभियान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की लगातार मॉनेटरिंग की जा रही है। इस क्रम में स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध होने वाले खाद्य पदार्थ के नियमित सेवन के लिये लोगों को प्रेरित व जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

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