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जीतनराम जी आप मुस्लिम धर्म अपना लीजिए- मिथिलेश तिवारी. - श्रीनारद मीडिया

जीतनराम जी आप मुस्लिम धर्म अपना लीजिए- मिथिलेश तिवारी.

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हक नहीं कि किसी समाज को गाली दें : मिथिलेश तिवारी

नास्तिक हैं तो पूजा-पंडालों में क्यों जाते थे : विवेक ठाकुर

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के भगवान श्रीराम को नहीं मानने वाले बयान पर BJP भड़क गई है। BJP नेता मांझी पर हमलावर हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा, राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। माफी मांगने की मांग करने के साथ ही मुस्लिम धर्म अपना लेने की सलाह दी है।

बता दें, पूर्व CM भगवान श्रीराम को लेकर हमेशा विवादित बयान देते रहे हैं। दो महीने में लगातार तीसरी बार शनिवार को पटना में भुइयां समाज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘राम को हम नहीं मानते हैं, वो आदमी नहीं था। काल्पनिक है वो। पूजवा रहा है हमसे। हम लोग मूर्ति पूजते हैं। पीढ़ी पूजते हैं। आस्था वो है? हम उसी को भगवान मान जाएं? उसी प्रकार से राम कोई भगवान नहीं है। वो उसके नाम पर…ठीक है रामायण लिखी गई है। रामायण में बहुत सी ऐसी उक्तियां हैं, जो पढ़ने योग्य है। समझने योग्य है, लेकिन राम भगवान थे, ये मानने को हम तैयार नहीं थे।’

मांझी जी को अपने अस्तित्व का खतरा: मनोज शर्मा

BJP प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा, ‘भगवान राम एक संस्कार है, राम एक संस्कृति है, राम एक प्रेरणा है, राम राम मर्यादा है, राम पुरुषोत्तम है। जिन लोगों को राम के अस्तित्व पर संदेह है, वो पहले अपने नाम से राम का परित्याग कर दें। वह रामायण पढ़े होते तो उनको पता चलता कि श्रीराम जी के अभिन्न मित्रों में से दलित समुदाय के केवट थे।

श्रीराम ने दलित समुदाय की शबरी के हाथों से उसके झूठे बैर खाए थे और श्रीराम जी ने अपने मर्यादा और अपने पुरुषार्थ के साथ साथ अपनी जनता के लिए उन्होंने धोबी समाज के कहने पर अपनी पत्नी तक का परित्याग कर दिया था। सबसे बड़ी बात है कि देश के सबसे बड़े दलित चिंतक और दलितों के मसीहा भीमराव अंबेडकर जी ने राम के अस्तित्व को माना है।

उन्होंने संविधान के शुरुआती पन्नों में रामचंद्र जी की तस्वीर के साथ साथ उनके प्रेरणा और उनकी जीवन शैली को भारतीय संविधान के मूल में स्थापित किया है। जीतन राम मांझी जी शायद उस दौर से गुजर रहे हैं, जहां उनको अपने अस्तित्व का खतरा नजर आ रहा है।’

हक नहीं कि किसी समाज को गाली दें : मिथिलेश तिवारी

BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा, ‘जीतन राम मांझी को यह हक नहीं है कि वह किसी भी समाज को गाली दें। पूजा करना ना करना उनका व्यक्तिगत मामला है, लेकिन मुसहर समाज को, भुइयां समाज को वह गाली देंगे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मांझी सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके अलावा उनके खिलाफ कानून की शरण में भी हम लोग जाएंगे। मुस्लिम धर्म अपनाना चाहते हैं तो चले जाएं।’

नास्तिक हैं तो पूजा-पंडालों में क्यों जाते थे : विवेक ठाकुर

BJP राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा, ‘मांझी ओछी लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। जो व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री रह चुका है, वह इस तरह की बात करता है, शोभा नहीं देती है। जीतन राम मांझी यदि नास्तिक थे, नास्तिक हैं तो फिर वह मुख्यमंत्री रहते हुए पूजा पंडालों और आरती में क्यों जाते थे? बिहार सरकार अपने खर्चे पर जीतन राम मांझी को रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, अयोध्या जैसी जगहों पर भ्रमण कराएं। उन्हें किसी शॉर्ट टर्म कोर्स कराए, ताकि उनका जो दिमागी हालत है, वह ठीक हो पाए वह समझ पाए कि राम क्या है।’

दो बार पहले भी मांझी श्रीराम के अस्तित्व को नकार चुके हैं

इससे पहले भी मांझी भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकार चुके हैं। 21 सितंबर 2021 को उन्होंने कहा था, ‘श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नहीं मानता, लेकिन रामायण कहानी में जो बातें बताई गई हैं, वो सीखने वाली हैं।’

20 अक्टूबर 2021 को उन्होंने कहा था, ‘महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मीकि राम से हजारों गुना बड़े थे। यह मेरा निजी विचार है और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता हूं।’

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