लालू की बेटी ने कंगना को कहा- सत्ता की दासी

लालू की बेटी ने कंगना को कहा- सत्ता की दासी

श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,स्टेट डेस्क

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अभिनेत्री कंगना रनोट के 2014 में देश को आजादी मिलने के बयान पर अब लालू की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्या ने तीखा हमला किया है। रोहिणी ने बिना कंगना का नाम लिए दनादन कई ट्वीट कर उनपर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने लिखा कि ‘शहीदों की जान जिसे भीख लगती है फर्जी झांसी की रानी तू देशद्रोही लगती है।’

दरअसल, पद्मश्री से सम्मानित होने के दो दिन बाद कंगना ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। इसमें एक्ट्रेस ने 1947 में देश को मिली आजादी को भीख बताया था। उन्होंने कहा था कि देश को आजादी 2014 में मिली है। कंगना के इस बयान पर भाजपा सांसद वरुण गांधी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी निशाना साधा था। वरुण ने कहा था कि इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’ वहीं, मांझी ने कंगना से पद्मश्री वापस लिए जाने की मांग की थी।

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
रोहिणी ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

डॉ. रोहिणी ने अपने अन्य ट्वीट में लिखा

  • ‘नया इतिहास लिखा जाएगा, आजादी को भीख बता कर, अंधभक्तों के पप्पा का गुणगान किया जाएगा।’
  • ‘आजादी को भीख बताया करती है हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान का अंधभक्तों के पप्पा के गुणगान में चरण वंदना किया करती है।’
  • ‘शहीदों का अपमान किया करो, अंधभक्तों के पप्पा से पद्मश्री अवार्ड लिया करो’
  • ‘ये माफी… वीर सावरकर के वंशज हैं, आजादी को भीख बताकर पद्मश्री अवार्ड पा लेते हैं।’
  • ‘ये कौन सी आजादी दिलाई तूने, सत्ता के चरण वंदन में दासी का फर्ज निभाया तूने।’

राजद ने भी अपने गुस्से का इजहार कंगना के बयान पर किया है। राजद ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि- 2014 में कथित आजादी दिलाने वाले से, उसी आजादी की बदौलत बर्टर सिस्टम योजना अंतर्गत पद्मश्री प्राप्त करने वाली थेलनी की शादी करा देनी चाहिए ताकि उसे 1947 में हमारे क्रांतिकारियों व महापुरुषों के सदियों लंबे संघर्ष, त्यागों, बलिदानों और वीरता से प्राप्त स्वतंत्रता भीख ना लगे।

राजद के फॉलोअर लगातार कंगना से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कंगना के बारे में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देकर लोग गुस्से का इजहार कर रहे हैं। शब्दों की मर्यादा तोड़ रहे हैं। सुशांत कुमार ने कंगना के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। लोग राजद की भी आलोचना कर रहे हैं। नितिन ने लिखा है- तो क्या समाज में जातिवाद का जहर फैलाने के लिए राजद को पद्मश्री अवार्ड मिलना चाहिए?

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