लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

17वीं लोकसभा का चौदहवां सत्र गुरुवार को संपन्न हो गया। बता दें कि चार दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी और 21 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने विदाई भाषण में सदन के कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए सदस्यों को सूचित किया कि 4 दिसंबर, 2023 को शुरू हुए सत्र के दौरान 14 बैठकें हुईं, जो लगभग 61 घंटे 50 मिनट तक चली। उन्होंने बताया कि लोकसभा के 14वें सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 74 फीसद रही। ओम बिरला ने यह जानकारी भी दी कि सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और 18 विधेयक पारित किए गए।

  1. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता , 2023
  2. भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता , 2023
  3. भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023
  4. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023
  5. दूरसंचार विधेयक, 2023

लोकसभा में कितना हुआ कामकाज?

साल 2023-24 के लिए अनुदानों की पूरक मांगों को तथा साल 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को मतदान के उपरांत पारित किया गया। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और नियम 377 के अधीन कुल 265 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए।

ओम बिरला ने सदन का ध्यान इस ओर दिलाया कि लोकसभा की विभागों से संबंधित स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। निदेश 73क के अधीन 33 वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य के संबंध में संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिए गए तीन वक्तव्यों सहित कुल 34 वक्तव्य दिए गए। ओम बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान कुल 1930 दस्तावेज़ सभा के पटल पर रखे गए।

संसद में अनियंत्रित व्यवहार के लिए कांग्रेस के तीन सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए गुरुवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया, जिससे निचले सदन में ऐसे सदस्यों की कुल संख्या 100 हो गई है, जिनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने डी के सुरेश, दीपक बैज और नकुल नाथ के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। जोशी ने कहा, “इस सदन ने दीपक बैज, डी के सुरेश, नकुल नाथ के कदाचार को गंभीरता से लिया है, जिसमें सदन और अध्यक्ष के अधिकार की घोर अवहेलना करते हुए, तख्तियां दिखाकर, सदन के वेल में प्रवेश करके… को सदन से शेष सत्र के लिए निलंबित किया जा सकता है।”

इससे पहले दिन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीनों सांसदों को सदन में विरोध करने की चेतावनी दी थी। गुरुवार सुबह जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने सदन से बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा और संसद सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर चर्चा और गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसदों को नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।

 

 

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