सारण के 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर सुमन कार्यक्रम के तहत मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवा होगी उपलब्ध: सिविल सर्जन

सारण के 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर सुमन कार्यक्रम के तहत मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवा होगी उपलब्ध: सिविल सर्जन
• उपलब्ध सेवाओं को संस्थान के प्रांगण में साइनेज पर किया जाएगा डिसप्ले
• प्रसव के 6 महीने बाद तक माता और सभी बीमार नवजात शिशु को नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ
• सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना सुमन का उद्देश्य

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर/छपरा (बिहार):

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले के 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का चयन किया गया है। यहां मातृ व शिशु स्वास्थ्य संबंधित सेवा उपलब्ध होगी। उक्त स्वास्थ्य संस्थान पर सुमन चार्ट के अनुरूप उपलब्ध सेवाओं का साइनेज प्रदर्शित किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने आवश्यक निर्देश दिया है।

जिले के 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम (सुमन) के तहत चयनित किए गए हैं। इसमें शहरी क्षेत्र मासूमगंज यूपीएचसी, बड़ा तेलपा यूपीएचसी समेत अलग-अलग प्रखंडों के कुल 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को शामिल किया गया है।

सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना सुमन का उद्देश्य
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताय कि सुमन (सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम) को केंद्र सरकार द्वारा 10 अक्टूबर 2019 को आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला तथा गर्भस्थ शिशु को विभिन्न प्रकार की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। जिससे मातृ-शिशु मृत्यु दर में गिरावट लायी जा सके। योजना के तहत, प्रसव के 6 महीने बाद तक माता और सभी बीमार नवजात शिशु को नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है। सुमन योजना का उद्देश्य हर महिला और नवजात शिशु को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा पर जाने के लिए किसी भी कीमत पर सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है।

उच्च जोख़िम गर्भधारण महिलाओं की पहचान कर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना:

सिविल सर्जन ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इसके साथ ही उच्च जोख़िम गर्भधारण महिलाओं की पहचान कर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है। इसमें उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जाँच की जाती है। उच्च जोखिम गर्भधारण महिलाओं को भी चिह्नित किया जाता है एवं बेहतर प्रबंधन के लिए दवा के साथ जरूरी परामर्श दिया जाता है।

 

सुमन चार्ट के रूप में उपलब्ध सेवाओं को संस्थान के प्रांगण में किया जाएगा डिसप्ले
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं का संस्थान के प्रांगण में डिसप्ले किया जाएगा जिसमें कम से कम से कम प्रसव पूर्व जांच एवं 6 गृह आधारित नवजात देखभाल का प्रावधान, एमटीपी एक्ट के अनुरूप व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाओं का प्रावधान, प्रशिक्षित कर्मचारी (एसबीए) द्वारा प्रसव, मैटरनल कॉम्प्लिकेशन की पहचान करना और प्रबंधन के लिए निशुल्क सेवा प्रदान करना, शीघ्र स्तनपान की शुरुआत एवं सहयोग, जन्म के समय दिए जाने वाले टीकाकरण, निशुल्क एंबुलेंस सेवा, रेफरल सेवा, प्रसव के उपरांत 48 घंटे बाद स्वास्थ्य केंद्र से घर तक छोड़ने की व्यवस्था, बीमार नवजात और शिशुओं का प्रबंधन, कॉल सेंटर, जन्म प्रमाण पत्र, परिवार नियोजन परामर्श, सुरक्षित मातृत्व के लिए परामर्श सहित अन्य कार्यक्रम को शामिल किया गया है।

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