रिविलगंज में 25 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का हुआ वितरण, सेल्फ केयर की दी गयी जानकारी
• विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए ग्रेडिंग की गई
• 5 पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म का गठन
• 5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण
• महिलाओं को स्तन में हो सकता है फाइलेरिया
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर/छपरा (बिहार):
फाइलेरिया जैसी उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारी से पीड़ित मरीजों के जीवन को सहज और सम्मानजनक बनाने की दिशा में रिविलगंज प्रखंड में एक सराहनीय पहल की गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता के दिशा-निर्देशन में रोगी हितधारक मंच के सहयोग से 5 फाइलेरिया मरीजों का विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए ग्रेडिंग (शारीरिक मूल्यांकन) किया गया। इस पहल का उद्देश्य है कि फाइलेरिया से दीर्घकालिक रूप से प्रभावित मरीजों को सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा लाभ का पूरा हक मिल सके, जिसके लिए विकलांगता प्रमाण पत्र आवश्यक होता है।
25 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण:
सिताब दियरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 25 हाथीपांव के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट (रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण) का वितरण किया गया। एमएमडीपी किट में आवश्यक स्वच्छता सामग्री, एंटीसेप्टिक क्रीम, साफ तौलिया, साबुन, मग, गमला, चप्पल आदि शामिल होता हैं, जो फाइलेरिया से ग्रसित अंगों की साफ-सफाई और देखभाल के लिए जरूरी हैं। इस दौरान मरीजों को सेल्फ केयर की जानकारी प्रदान की गयी।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। उन्होंने बताया कि मरीजों को दवा भी दी जा रही है। प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार जयसवाल, बीसीएम रितु कुमारी वीबीडीएस घनश्याम यादव द्वारा फाइलेरिया से संबंधित जागरूकता वीडियो दिखाकर इस बीमारी से बचाव एवं प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया। इस मौके पर जीएनएम सुंदरम कुमारी, एएनएम इन्दू कुमारी, एएनएम निभा कुमारी, स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाएं, आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, जीविका सीएम एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है।
5 पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म का गठन:
रिविलगंज प्रखंड के विभिन्न 5 आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म का गठन किया गया है। सहयोगी संस्था सीफार के प्रतिनिधि कृष्णा सिंह द्वारा रिविलगंज प्रखंड के 5 आम पंचायतों में पीएसपी के गठन पर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि पीएसपी एक सामुदायिक मंच है जिसके जरिए मरीज और नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से सीधे जुड़कर योजनाओं, दवाओं, प्रमाण पत्र और अन्य सेवाओं का सुगम लाभ उठा सकते हैं। यह भी बताया गया कि कई फाइलेरिया मरीजों ने PSP की मदद से अपने इलाज, प्रमाण पत्र और सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी सुविधाएं प्राप्त की हैं और अब सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं।
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