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बिहार में फिर सक्रिये हुआ मानसून अगले तीन से चार दिनों तक बारिश की बनी रहेगी संभावना - श्रीनारद मीडिया

बिहार में फिर सक्रिये हुआ मानसून अगले तीन से चार दिनों तक बारिश की बनी रहेगी संभावना

 

बिहार में फिर सक्रिये हुआ मानसून अगले तीन से चार दिनों तक बारिश की बनी रहेगी संभावना

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कृषि विज्ञान केंद्र आरा ने जारी किए किसानों के लिए उचित गाइडलाइन

श्रीनारद मीडिया, कृष्ण कुमार रंजन, आरा (बिहार):

कृषि विज्ञान केंद्र (स्काडा) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर पी के द्विवेदी ने आज दोपहर बाद अचानक हुए मौसम में बदलाव पर हमारे नारद मीडिया से बात करते हुए बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक विक्षोभ पैदा हुआ है जिसके कारण बिहार में पुनः मानसून सक्रिय हो गया है और इसके अगले 3 से 4 दिनों तक सक्रिय रहने की संभावना है अभी बीच में बारिश के कमी के कारण कई क्षेत्रों में धान की रोपनी थोड़ी सी प्रभावित देखने को मिल रही थी परंतु इस बरसाने पुनः किसानों के बीच एक आशा का संचार किया है और उम्मीद है कि इस बारिश से धान की रोपनी में काफी ज्यादा तेजी आएगी ,लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि बारिश कभी भी आपके क्षेत्र से दूर जा सकती है अतः अपने क्षेत्र में जो आपके खेत है उनकी मेड को खूब मजबूत और ऊंचा बनाना आवश्यक है । जिससे कि ज्यादा से ज्यादा जल आपके क्षेत्र में संग्रहित हो सके और लंबे दिनों तक वह धीरे-धीरे भूमि में जाकर के भूजल के स्तर मैं आवश्यक सुधार ला सके दूसरी तरफ जिन किसानों ने मकई और अरहर के साथ सब्जी लगाई है उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वह अपने खेतों में पानी न लगने दें और पानी निकलने के लिए आवश्यक कार्यवाही जैसे छोटी-छोटी नालियां बनाना नालियों के बीच में जो थोड़े घास वगैरह है उनकी सफाई कर देना इस पर ध्यान देंगे क्योंकि पानी लगने से फसल थोड़ी पीली हो सकती है उनका विकास बाधित हो सकता है जिन लोगों ने बागवानी लगा रखी है और नए पौधे लगाए हैं वह इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके पौधों के पास ज्यादा जल का जमाव नहीं हो अगर कहीं पानी लग रहा है कि वहां पर थोड़ी सी मिट्टी उसके जड़ों के पास डाल दें जिससे के वह जलजमाव नहीं हो इसके अतिरिक्त सावधानी के तौर पर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव कर दें जिससे कि पौधे हमारे फफूंद जनित समस्याओं से सुरक्षित रहेंगे धान की फसल में एक बात का ध्यान रखेंगे कि आप अपने खेतों में अगर ज्यादा पानी है तो कभी रुकने के बाद खरपतवार नाशी का प्रयोग नहीं करेंगे लेकिन जहां पर लग रहा है कि पानी कम है या तुरंत सूख जाएगा ज्यादा देर तक रुकने की संभावना नहीं है वैसे खेतों में प्रेतीलाक्लोर 600 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से बालू में मिलाकर या पानी में मिलाकर पूरे खेतों में छिड़काव कर दें इसे कहल की फिल्म का निर्माण होगा और यह आपके खेतों में जो नई घास आने वाली है उन को बढ़ने से रोक देता इसके साथ ही जो लोग नए पौधे के गड्ढे बनाए रखे थे और गड्ढों में कुछ ज्यादा पानी लग गया है तो वह अपने जो नर्सरी के पौधे हैं उनको अभी नहीं लगाएंगे क्योंकि जलजमाव से जड़ों को सांस लेने में दिक्कत होगी तो जहां पर आपने पौधे रखे हैं वहां पर ही हल्की सी दवा और भोजन की व्यवस्था कर दें भोजन के रूप में आप एन पी के 18 18 18 का 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर वानिकी एवं फलदार वृक्षों के ऊपर में छिड़काव कर दें तो इससे 8 से 10 दिनों तक पौधों को कोई समस्या नहीं होगी और वह सहजता से आपने उनको जहां रखा है वहां पर सुरक्षित भी रहेंगे और उनका विकास भी होता रहेगा

जिन लोगों ने लगभग 15 20 दिन पहले मक्का लगाया था या धान जिनका पहले लग चुका है वह इस पानी के बाद अपने खेतों में प्रति एकड़ 24 से 25 किलोग्राम यूरिया का उपरीवेशनकर सकते हैं इसके अतिरिक्त एक नई यूरिया आई है जिसको के नैनो यूरिया कहते हैं इसका आधा लीटर अर्थात 500 मिलीलीटर 120 लीटर पानी में घोलकर आप 1 एकड़ खेत में छिड़काव कर दें इससे आपको जमीन में किसी भी प्रकार के यूरिया के दुष्परिणाम से जहां एक तरफ बचत होगी वहीं यूरिया का बेहतर से बेहतर प्रयोग करने में आपको सफलता प्राप्त होगी और इसका प्रयोग करने के पश्चात जमीन पर आपको किसी भी प्रकार के यूरिया डालने की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन ध्यान तो है यह मौसम साफ होने पर ही छिड़काव किया जाएगा जिले मौसम में आप दानेदार यूरिया का ही प्रयोग करेंगे।

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