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न ही नवरुणा को मिला इंसाफ न लौट कर आई खुशी, एमबीए की छात्रा का कुछ पता नहीं, CBI के हाथ खाली - श्रीनारद मीडिया

न ही नवरुणा को मिला इंसाफ न लौट कर आई खुशी, एमबीए की छात्रा का कुछ पता नहीं, CBI के हाथ खाली

न ही नवरुणा को मिला इंसाफ न लौट कर आई खुशी, एमबीए की छात्रा का कुछ पता नहीं, CBI के हाथ खाली

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार के बहुचर्चित शेल्टर होम कांड पर भूमि पडनेकर की फिल्म भक्षक का टीजर लॉन्च होने के बाद एक बार फिर से मुजफ्फरपुर चर्चा में आ गया है. यह कांड तो शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के साथ हुआ था, लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसे कांड हुए हैं, जिसमें सीबीआई तक को सफलता नहीं मिल पाई है.

यहां का बहुचर्चित नवरूणा कांड हो या फिर खुशी या यशी सिंह कांड, सीबीआई अब भी हाथ पांव ही मार रही है.नवरुणा कांड शहर के जवाहरलाल रोड स्थित चक्रवर्ती लेन से 17 सितंबर 2012 को घर की खिड़की की छड़ को तोड़कर 9वीं की छात्रा नवरूणा को अगवा कर लिया गया था. मामले में पुलिस व सीआईडी को कोई ट्रेस नहीं मिला.

फिर सीबीआई को जांच की जिम्मेवारी मिली. भू माफियाओं की भूमिका को केंद्र में रखकर जांच की गई. 6 लोगों को गिरफ्तार कर सीबीआई ने जेल भी भेजा. सुराग नहीं मिलने पर 10 लाख का इनाम घोषित किया. आखिरकार 6 साल की जांच-पड़ताल में कोई सुराग नहीं मिलने पर दिसंबर 2020 को सीबीआई ने तीन बंद लिफाफों में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट सौंप दी.

खुशी कांड16 फरवरी 2021 को सरस्वती पूजा के दिन शहर के लक्ष्मी चौक के पास पूजा पंडाल से चार साल की खुशी ट्रेसलेस हो गई.

खुशी के पिता राजन साह सब्जी बेचकर परिवार चलाते हैं. पुलिस ने जांच को उलझा कर रखा. हाईकोर्ट में अधिवक्ता ओम प्रकाश की दलील के बाद केस सीबीआई को सौंपा गया. एक साल से सीबीआई जांच कर रही हैं, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है. हालांकि, इस मामले की जांच जारी है.

यशी सिंह कांड सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर से 12 दिसंबर 2022 को एमबीए की छात्रा यशी सिंह गायब हो गयी थी. मामले में उसके नाना राम प्रसाद राय के बयान पर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. केस दर्ज होने के एक साल बाद भी पुलिस यशी सिंह को नहीं खोज पायी. यशी सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट को हैंडल करने के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा. इसके अलावा एक संदिग्ध को थाने पर लेकर पूछताछ की गई. इसके बाद भी यशी का कुछ सुराग नहीं मिला, तो परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस बीच जिला पुलिस से यह केस सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया.

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