बिहार में परामर्श समिति के स्ट्रक्चर पर नीतीश कैबिनेट ने लगाई मुहर.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में पंचायत चुनाव न होने के बाद भी मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सहित तमाम जनप्रतिनिधियों का पावर बरकरार रहेगा. यह फैसला बिहार में कैबिनेट बैठक में लिया गया है. पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. विभाग ने कहा कि पंचायत में परामर्श समिति के अध्यक्ष मुखिया ही होंगे.

विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि तीन स्तर पर परामर्श समिति बनाई गई है. पहला ग्राम स्तर, दूसरा ब्लॉक स्तर पर और तीसरा जिला स्तर पर. ग्राम स्तर पर मुखिया परामर्श समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि पंचायत समिति के स्तर पर प्रमुख और जिला समिति के स्तर पर जिला परिषद प्रमुख इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे.

इन स्थितियों में हो सकेगी कार्रवाई– सरकारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि परामर्श समिति के कोई भी अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष बिना कारण बताए तीन लगातार बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उनपर कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावा, अपने पद का सदुपयोग न करने या दुरपयोग करने पर भी परामर्श समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाया जा सकता है.

ग्राम पंचायत परामर्श समिति- इस समिति में मुखिया अध्यक्ष होंगे, जबकि उपमुखिया उपाध्यक्ष और ग्राम सचिव सचिव पद पर रहेंगे. इसमें पंचायत के सदस्य को सदस्य के रूप में मान्यता रहेगी. वहीं पंचायत समिति परामर्श समिति में प्रमुख अध्यक्ष रहेंगे. इसके अलावा उपप्रमुख उपाध्यक्ष और बीडीओ मुख्य कार्यपालक अधिकारी होंगे.

जिला परिषद परामर्श समिति– इस समिति में जिला परिषद अध्यक्ष को अध्यक्ष बनाया गया है, वहीं जिला परिषद उपाध्यक्ष को उपाध्यक्ष और उपायुक्त को मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है.

इधर, राज्य निर्वाचन आयोग जिलों को दूसरे राज्यों से इवीएम मंगाने की टैंगिंग करने की पहल कर दिया है. पंचायत आम चुनाव में इवीएम जिलों द्वारा खुद दूसरे राज्यों से मंगाया जाता है. ऐसे में जिलों को दूसरे राज्यों से टैग कर दिया जायेगा तो वह जिला खुद अपना इवीएम मंगा लेगा. यह माना जा रहा है कि आयोग दिसंबर के पहले त्रि स्तरीय पंचायत आम चुनाव संपन्न करा लेगा.

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