Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 अब शादी का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य, गलत जानकारी दी तो होगी दो साल तक की सजा - श्रीनारद मीडिया

 अब शादी का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य, गलत जानकारी दी तो होगी दो साल तक की सजा

 अब शादी का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य, गलत जानकारी दी तो होगी दो साल तक की

सजा

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क/

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

देश के अन्य राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। राज्य विधि आयोग ने इसका मसौदा तैयार किया है। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है, जिस पर विचार के बाद सरकार अधिनियम लागू करेगी। आयोग ने विवाह पंजीकरण का प्रोफॉर्मा भी तैयार किया है, जिसके तहत गलत अथवा झूठी सूचनाएं देने वालों के लिए दो साल तक की सजा व 10 हजार रुपये तक जुर्माने की अहम सिफारिश भी शामिल है। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू किए जाने व विवाह पंजीकरण से जुड़ी सभी सूचनाएं वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने की सिफारिश की गई है।

राज्य विधि आयोग के मसौदे में शादी के बाद विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए तत्काल पंजीकरण की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही गई है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही सभी राज्यों में कानून बनाकर विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य रूप से लागू कराए जाने का निर्देश दे चुका है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसे लेकर मामला चल रहा है।

कई राज्यों में विवाह के पंजीकरण के लिए कानून : वर्तमान में राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, पंजाब, मेघायलय, तमिलनाडु, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखंड में विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को लेकर कानून बन चुका है। आयोग ने इन राज्यों के कानून का अध्ययन करने के अलावा अंतराष्ट्रीय स्तर पर लागू कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का गहन अध्ययन करने के बाद प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप राज्य सरकार को सौंपा है।

बाल विवाह पर भी लगेगा अंकुश : राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में अनेक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां दांपत्य संबंधी विवाद होने पर पुरुष महिला को अपनी पत्नी मानने से ही इनकार कर देता है। इससे महिला भरण पोषण, संपत्ति में हिस्से से वंचित हो जाती है और उसे घरेलू हिंसा का शिकार भी होना पड़ता है। विवाह पंजीकरण के अनिवार्य होने से ऐसा नहीं होगा और बाल विवाह पर भी अंकुश लगेगा।

एक माह के भीतर पंजीकरण होगा कराना : राज्य विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश में मैरिज आफिसर की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही है। सूबे में इसे लेकर कानून लागू होने के बाद सभी धर्म के लोगों को एक माह के भीतर विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने वालों पर 10 हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान होगा।

पंजीकरण न होने से विवाह अमान्य नहीं होगा : राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बताया कि कानून लागू होने के बाद हर किसी को विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। लेकिन, पंजीकरण न होने के आधार पर कोई विवाह अवैध अथवा अमान्य नहीं होगा। सूबे में यह कानून लागू होने की तिथि से पूर्व संपन्न हुए विवाह का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों पर निर्भर करेगा। उनके लिए कोई बाध्यता न होने की सिफारिश भी की गई है।

अभी लागू है नियमावली : राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में विवाह पंजीकरण को लेकर एक नियमावली लागू की थी। महिला बाल विकास विभाग को नियमावली के तहत पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए थे। नियमावली के तहत विवाह पंजीकरण के लिए 50 रुपये शुल्क व लेट फीस का प्रावधान किया गया था। आयोग ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि शुल्क लागू करने से लेकर नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए अलग कानून जरूरी है।

एनआरआइ के लिए भी होगी सख्ती : आयोग ने किसी अप्रवासी भारतीय (एनआरआइ) के लिए प्रदेश में आकर शादी करने से पूर्व अपना पूरा ब्योरा देने की व्यवस्था किए जाने की बात कही है। खासकर एनआरआइ को यह बताना होगा कि वह पहले से शादीशुदा है अथवा नहीं। पासपोर्ट नंबर व अन्य ब्योरा भी देना होगा।

यह भी पढ़े 

  वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का निधन, पीएम मोदी के साथ UP-दिल्ली के सीएम ने भी जताया शोक

अवकाशप्राप्त बैंककर्मी को दी गयी भावभीनी विदाई

कोरोना से जंग हार गये पानापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोस्वामी

टीवी एंकर रोहित सरदाना  के निधन से  मीडिया जगत में शोक की लहर

सीएम योगी ने 15 दिन में कोरोना को हराया, जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर सभी को धन्यवाद कहा

तंगहाली में जी रहे हैं‘श्री कृष्णा’ के ‘भीष्म पितामाह’

वोट डालकर ही मरूंगा कहने वाले बुजुर्ग की बैलेट पर मोहर मारते ही थम गयी सांसें

Leave a Reply

error: Content is protected !!