सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमा के सभागार में टीबी रोगियों के बीच दो समाजसेवियों द्वारा पांचवें महीने का पौष्टिक आहार का किया गया वितरण

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमा के सभागार में टीबी रोगियों के बीच दो समाजसेवियों द्वारा पांचवें महीने का पौष्टिक आहार का किया गया वितरण:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

धूम्रपान, नशीली दवाओं का सेवन और कुपोषण है टीबी ग्रसित होने का कारण: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया, एकमा, छपरा (बिहार):

टीबी एक माइकोबैक्टेरिया ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टेरिया से होने वाला एक गंभीर संक्रमण रोग है। यह संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन इसका बैक्टेरिया खून के रास्ते दूसरे अंगों तक पहुंच कर उसको भी प्रभावित कर देता है। हालांकि फेफड़ों के साथ- साथ यह बीमारी मस्तिष्क, लिवर, किडनी, हड्डियों के साथ साथ शरीर के अन्य भागों में होने की संभावना ज्यादा रहती है।

उक्त बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एकमा के सभागार में टीबी रोगियों के बीच पौष्टिक आहार वितरण समारोह के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गंगा सागर बिंदु ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रखंड अंतर्गत रसूलपुर पंचायत के मुखिया पति मिथिलेश प्रसाद जबकि एकमा प्रखंड मुख्यालय स्थित दुर्गा डायग्नोस्टिक की संचालिका सुनीता सिंह के द्वारा पांच- पांच टीबी मरीजों को विगत नवंबर माह में गोद लिया गया था। जिसको पांचवें महीने का पोषाहार का वितरण किया गया है।

– धूम्रपान, नशीली दवाओं का सेवन और कुपोषण है टीबी ग्रसित होने का कारण: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गंगा सागर बिंदु ने कहा कि धूम्रपान, नशीली दवाओं का सेवन, कुपोषण और मलिन बस्तियों में असुरक्षित रहने वाले लोगों को टीबी जैसी बीमारी से ग्रसित होने की संभावना अत्यधिक होती है। ऐसे में टीबी के शुरुआती लक्षण दिखाई देते ही ग्रामीणों को अपने नजदीकी अस्पताल जाकर जांच करवानी चाहिए। ताकि समय पर उसका उपचार किया जा सके।

क्योंकि संक्रमित होने की स्थिति में नियमित इलाज और पौष्टिक आहार खाकर जल्द से जल्द इस बीमारी से सुरक्षित किया जा सकता हैं। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गंगा सागर बिंदु, अस्पताल प्रबंधक वाहिद अख़्तर, के वरीय यक्ष्मा प्रयोगशाला पर्यवेक्षक (एसटीएलएस) कुमार अमित, लेखा प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह, बीसीएम प्रियंका कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

यह भी पढ़े

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 क्या है?

राज्यों में जल संकट की वर्तमान स्थिति क्या है?

भारत के लिये कच्चातीवू द्वीप समूह का क्या महत्व है?

थक हार के अब कांग्रेस की शरण में पहुंचे सन्नी हजारी

Leave a Reply

error: Content is protected !!