जनसंख्या विधेयक पर आपत्ति-हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पैदा होगा जनसंख्या असंतुलन.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व हिंदू परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित उप्र जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 के मसौदा के एक प्रविधान पर आपत्ति जताई है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को कहा कि हम जनसंख्या के संबंध में कानून लाने के उप्र सरकार के कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन प्रस्तावित विधेयक के दूसरे भाग को लेकर चिंता है।

इसमें कहा गया है कि केवल एक संतान वाले दंपती को कई अतिरिक्त लाभ मिलेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार इस पर विचार करे, क्योंकि यह प्रविधान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जनसंख्या असंतुलन पैदा कर सकता है। एएनआई से बात करते हुए, कुमार ने कहा, ‘हम जनसंख्या के संबंध में एक कानून लाने के सरकार के कदम का स्वागत करते हैं क्योंकि पूरे देश में जनसंख्या एक विस्फोट की तरह बढ़ रही है। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के बारे में पूरे समाज में आम सहमति है।’

उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक के पहले भाग में उल्लेख है कि दो बच्चों वाले दंपति को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। लेकिन, दूसरे भाग में कहा गया है कि केवल एक बच्चा होने वाले दंपति को कुछ और लाभ भी मिलेगा। हम इस भाग पर आपत्ति करते हैं। क्योंकि यह हिंदू और मुस्लिम आबादी के अनुपात में असंतुलन पैदा करेगा। सरकार को इस पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि इससे जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि होती है।

उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने प्रस्तावित ‘यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021’ का पहला मसौदा सार्वजनिक डोमेन में जारी किया है और 19 जुलाई तक जनता के सुझाव आमंत्रित किए हैं। राज्य के विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के तहत, दो बच्चे की नीति का पालन करने वाले हर जोड़े को सरकार से लाभ मिलेगा। यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि नए विधेयक में उन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से रोकने का प्रावधान है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं।

चंपतराय को हटाने का सवाल ही नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट से चंपतराय को हटाया जाएगा, आलोक कुमार ने कहा, गोविंद देव जी ट्रस्ट के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट और वकीलों को अपने साथ ले गए थे। जांच से हम संतुष्ट हैं कि खरीदी गई सारी जमीन पर्याप्त सावधानी से खरीदी गई है। एक भी मामला ऐसा नहीं है, जिससे उन पर उंगली उठाई जा सके। इस कारण चंपतराय जी को बदलने का सवाल ही नहीं उठता।

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