निमोनिया के कारण शिशुओं में होने वाले मृत्यु को रोकने में पीसीवी के टीके कारगर

 

निमोनिया के कारण शिशुओं में होने वाले मृत्यु को रोकने में पीसीवी के टीके कारगर

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नियमित रूप से स्तनपान करने वाले बच्चों में निमोनिया का खतरा कम: सिविल सर्जन
बैक्टीरिया से बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी निमोनिया से बचाव को लेकर टीकाकरण जरूरी: डीआईओ

श्रीनारद मीडिया,  पूर्णिया, (बिहार):

शिशु मृत्यु के प्रमुख कारणों में निमोनिया जैसी बीमारी को भी शामिल किया गया है। हालांकि इसके लिए सरकार द्वारा सक्रिय रूप से अपनी भूमिका को निभाया जा रहा है। निमोनिया के कारण शिशुओं में होने वाले मृत्यु को रोकने के लिए निःशुल्क पीसीवी के टीके की शुरुआत करना सरकार की गंभीरता को प्रदर्शित करता है। लेकिन सरकारी कार्यक्रमों एवं प्रयासों के इतर शिशुओं को निमोनिया जैसे गंभीर रोग से बचाने के लिए सामुदायिक जागरूकता की भूमिका को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता हैं।

 

नियमित रूप से स्तनपान करने वाले बच्चों में निमोनिया का खतरा कम: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि ठंढ के मौषम में बच्चों को निमोनिया से बचाने की अधिक जरूरत होती है। इसके लिए बच्चों का उचित ध्यान रखना काफ़ी जरुरी है। निमोनिया से बचाव एवं सुरक्षित रहने के लिए व्यक्तिगत रूप से साफ-सफाई बहुत जरूरी होता है। छींकते-खांसते समय मुंह और नाक को आवश्यक रूप से ढकना चाहिए। समय-समय पर बच्चों का हाथ भी धोना चाहिए। ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सकें। वहीं बच्चों को प्रदूषण से बचाकर रखना चाहिए। सांस लेने में कोई समस्या नही हो। इसके लिए उन्हें धूल-मिट्टी व धूम्रपान करने वाली जगहों से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए। सबसे अहम बात यह है कि बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार देंने की जरूरत है। नियमित स्तनपान से भी बच्चा निमोनिया जैसे गंभीर रोग से सुरक्षित रखने में टीकाकरण भी जरूरी होता है।

 

बैक्टीरिया से बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी निमोनिया से बचाव को लेकर टीकाकरण जरूरी: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि बच्चों में निमोनिया बीमारी सांस से जुड़ी समस्या है। क्योंकि यह एक सबसे बड़ी जानलेवा संक्रामक बीमारी है। बैक्टीरिया से बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी निमोनिया को टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। बच्चों को न्यू मोकॉकल कॉन्जुनगेट वैक्सी्न यानी पीसीवी का टीका 6 सप्ताह, 14 सप्ताह एवं 9 वें महीने पर लगाने होते हैं। इस टीके को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर जिला अस्पतालों में बच्चों को दी जाने वाली आवश्यक टीकाकरण की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध है। पीसीवी का टीका बच्चों को निमोनिया से बचाने में काफ़ी असरदार है।

 

इन लक्षणों से निमोनिया की करें पहचान:
-तेज बुखार होना
-खांसी के साथ हरा या भूरा गाढ़ा बलगम आना
-सांस लेने में दिक्कत होना
-दांत किटकिटाना
-दिल की धड़कन बढ़ना
-सांस की रफ्तार अधिक होना
-उलटी होना
-दस्त आना
-भूख की कमी
-होंठों का नीला पड़ना
-कमजोरी या बेहोशी छाना

 

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