पीएम मोदी की चादर अजमेर दरगाह पर चढ़ाई गई
प्रधानमंत्री चाहते हैं देश में सद्भाव का माहौल कायम रहे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
7 जनवरी को होगी छठी
देश में सद्भाव कायम रहे…
इस बीच उर्स में देश दुनिया के बड़े नामचीन लोगों की ओर से चादर चढ़ाने का सिलसिला जारी है। उर्स के चलते दरगाह सहित पूरे शहर में देश के विभिन्न राज्यों से आए जायरीन की चहल पहल बढ़ गई है और दरगाह में उर्स के तहत मन्नतें मांगने, चादर चढ़ाने और अकीदत के फूल पेश करने का सिलसिला जारी है। उर्स में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शनिवार को सुबह चादर पेश की गई। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात कार्य मंत्री किरन रिजिजू प्रधानमंत्री की तरफ से ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर चादर पेश की।
‘हमारी संस्कृति की अनेकता में एकता को दर्शाता है’
रिजिजू ने कहा कि दरगाह पर उर्स के दौरान आना हमारी परंपरा है। यह सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वे हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर भी चादर चढ़ा कर दुआ मांग कर आए है। गरीब नवाज की दरगाह पर सभी समुदायों के लोग आते हैं और दुआ मांगते हैं। यह हमारी संस्कृति की अनेकता में एकता को दर्शाता है।
वेबपोर्टल का उद्घाटन
मंत्री रिजिजू ने इस मौके पर अजमेर दरगाह पर गरीब नवाज ऐप और एक वेब पोर्टल का शुभारंभ भी किया। इस पोर्टल पर ख्वाजा साहब के जीवन परिचय के साथ दरगाह की सुविधाओं, गेस्टहाउस बुकिंग और सीधा प्रसारण की जानकारी दी गई है। अब जायरीन को दरगाह संबंधित जानकारी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
पहली तारीख से शुरू हुआ उर्स
ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स छह दिन तक चलता है। 813 वर्ष पूर्व रजब की पहली तारीख को ख्वाजा साहब इबादत के लिए अपनी कोठरी में चले गए और अपने मुरीदों को निर्देश दिए कि उन्हें इबादत के बीच आवाज़ नहीं दी जाए, जब छह दिन तक जब वे बाहर नहीं आए तो उनके मुरीदों ने कोठरी खोल कर देखा तो ख्वाजा साहब का इंतकाल हो चुका था। इस कारण ख्वाजा साहब का उर्स छह दिन तक मनाने की परंपरा हैं।
जायरीन की होती है गहरी आस्था
ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति आस्था महज मुसलमानों की नहीं है बल्कि सभी धर्म के लोग दरगाह शरीफ की चौखट चूम कर श्रद्धा और विश्वास के साथ शीश झुकाते हैं और मन की मुरादे भी पाते हैं। यूं तो ख्वाजा साहब की दरगाह में जायरीन के आने का सिलसिला वर्ष पर्यंत बना रहता है लेकिन उर्स का मौका कुछ खास होता है। यही कारण है कि प्रत्येक जायरीन की इच्छा उर्स के दौरान दरगाह के आस्थाने शरीफ पर माथा टेकने और मजार शरीफ पर अकीदत के फूल पेश करने की रहती है।
पीएम की चादर पेश करने के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई।दरगाह में हजारों सिपाही व पुलिस अधिकारी के अलावा स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स व गुप्तचर पुलिस सादावर्दी में तैनात रही। सीसीटीवी व ड्रान से चप्पे चप्पे पर नजर रखी गई।
अजमेर दरगाह पर विवाद की गुंजाइश नहीं
रिजिजू ने कहा कि अजमेर दरगाह को लेकर विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। चूंकि दरगाह में आंतरिक इंतजाम करने वाली दरगाह कमेटी मेरे मंत्रालय के अधीन आती है, इसलिए हमारा प्रयास है कि दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन को अधिक से अधिक सुविधा मिले।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के दरगाह पहुंचने पर खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती और शेखजादगान के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इस अवसर पर दरगाह कमेटी के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
रिजिजू ने पीएम मोदी की चादर दरगाह पर चढ़ाई
सूफी संवाद अभियान के राष्ट्रीय सह प्रभारी और दरगाह के खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने भी मंत्री रिजिजू का स्वागत किया। रिजिजू ने सूफी परंपरा के अनुरूप मजार शरीफ पर पीएम मोदी की चादर पेश की। दरगाह पहुंचने पर दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी रिजिजू को इस्तकबाल किया। बाद में दरगाह के प्रतिनिधियों ने रिजिजू की दस्तारबंदी की। जियारत की रस्म खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने कराई।
दरगाह में शिव मंदिर होने का किया गया दावा
ख्वाजा साहब की दरगाह में शिव मंदिर होने को लेकर अजमेर की सिविल अदालत में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वाद दायर कर रखा है। इस वाद पर अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी कर रखे हैं। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी से भी आग्रह किया था कि वे इस बार दरगाह में चादर न भेजे।
इसके साथ ही गुप्ता ने सिविल अदालत में एक प्रार्थना पत्र पेश कर पीएम की चादर पर रोक लगाने की भी मांग की थी। गुप्ता का कहना रहा कि जब मामला अदालत में विचाराधीन है तब देश के प्रधानमंत्री को उर्स के दौरान चादर नहीं भेजनी चाहिए। गुप्ता ने कहा कि यदि इस बार भी प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजी जाती है तो इसका असर अदालत में चल रहे मुकदमे पर पड़ेगा।