Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
डॉक्टरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जनता परेशान - श्रीनारद मीडिया

डॉक्टरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जनता परेशान

डॉक्टरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जनता परेशान

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

सरकारी के साथ निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में भी कामकाज रहा ठप

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के विरोध में शनिवार को देशभर में चिकित्सक हड़ताल पर रहे। सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी और कारपोरेट अस्पताल और नर्सिंग होम के भी हड़ताल में शामिल होने से स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल चरमरा गईं।

हड़ताल में शामिल हुए इन राज्यों के डॉक्टर

बड़े अस्पतालों में भी ऑपरेशन टाल दिए गए। हड़ताल के कारण मरीजों और उनके साथ आए तिमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, मिजोरम और नगालैंड सहित विभिन्न राज्यों के डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल में शामिल हुए।

बंगाल में आठ दिन से हड़ताल

दिल्ली में सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे अस्पतालों ने अपनी ओपीडी, वैकल्पिक सर्जरी और आइपीडी सेवाएं बंद कर रखीं। बंगाल में जूनियर डॉक्टर आठ दिन से हड़ताल पर हैं। शनिवार को वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए। सरकारी अस्पतालों में गैर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में भी कमोबेश यही हालात रहे।

पटना में 200 ऑपरेशन टले

बिहार में पटना के सभी प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद रही। प्रमुख अस्पतालों में 200 से अधिक ऑपरेशन टल गए। दरभंगा के डीएमसीएच में दो दिनों में आठ ऑपरेशन टाले गए गए हैं। मुजफ्फरपुर में निजी व सरकारी अस्पतालों में ताला लटका रहा। राजकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल बेतिया से 1500 मरीज लौट गए। भागलपुर में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल में ओपीडी सेवा बंद रही। करीब 1500 मरीज बिना उपचार के लौट गए।

उत्तराखंड में स्वास्थ्यकर्मियों ने बांधी काली पट्टी

झारखंड में करीब 17 हजार चिकित्सक और 25 हजार स्वास्थ्यकर्मी एक साथ हड़ताल पर रहे। ओपीडी बंद रहने के कारण हजारों मरीजों को लौटना पड़ा। जांच, रूटीन सर्जरी आदि भी प्रभावित रहीं। उत्तराखंड में नर्सिंग अधिकारी, फार्मेसिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, एनएचएम संविदा कर्मी सहित तमाम संगठनों ने हड़ताल को समर्थन दिया। इन सभी ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। महिला चिकित्सक को न्याय की मांग को लेकर प्रत्येक जिले में मार्च भी निकाला गया।

हिमाचल प्रदेश में पहली बार हुआ है जब सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी सेवाएं बंद रहीं। दूरदराज से आए रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय सुझाने की खातिर एक समिति का गठन किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों सहित सभी पक्षकारों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपना सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

मंत्रालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे व्यापक जनहित तथा डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने काम पर लौट आएं।

स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के संबंध में अपनी मांगें रखी

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कालेजों एवं अस्पतालों के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कोलकाता की घटना के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न एसोसिएशन ने कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के संबंध में अपनी मांगें रखी हैं।

मंत्रालय ने मांगों को सुना और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बताया गया कि सरकार स्थिति से अच्छी तरह परिचित है और उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि 26 राज्य पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून बना चुके हैं।

हड़ताल पर केंद्र ने राज्यों से हर दो घंटे में रिपोर्ट देने को कहा

गृह मंत्रालय ने सभी राज्य पुलिस बलों से कहा है कि वे डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे हड़ताल के मद्देनजर हर दो घंटे में स्थिति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। राज्य पुलिस बलों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि हड़ताल के मद्देनजर सभी राज्यों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों को फैक्स और वाट्सएप नंबर तथा ईमेल आइडी भी उपलब्ध कराई है, जिस पर स्थिति रिपोर्ट भेजी जा सकती है।

आइएमए ने मोदी को लिखा पत्र, डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग उठाई

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा और कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर कई मांगें कीं। आइएमए ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकाल किसी हवाई अड्डे से कम नहीं होना चाहिए। अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम होगा।

अस्पतालों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा सकती है। आइएमए ने कहा है कि 25 राज्यों में स्वास्थ्य कर्मियों व अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कानून है। इसे मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए। आइएमए ने यह भी मांग की कि कोलकाता में हुए अपराध की पेशेवर तरीके से और समयबद्ध जांच की जानी चाहिए और न्याय दिया जाना चाहिए। शोक संतप्त परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाना चाहिए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!