Raghunathpur: पंजवार पंचायत शिक्षक नियोजन 2006 के दोषियों पर नियोजन में गड़बड़ करने को लेकर होगी करवाई

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लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने नियोजन से संबंधित सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारी को किया अवगत

श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)

जिले के रघुनाथपुर प्रखंड अंतर्गत पंजवार पंचायत में वर्ष 2006 में शिक्षक बहाली पंचायत नियोजन इकाई द्वारा की गई। जिसमें पंजवार गांव के ही अभ्यर्थी लोकेश कुमार दुबे का काउंसलिंग प्रक्रिया संपन्न होने के बाद नियुक्ति कराने को लेकर नियोजन इकाई द्वारा आनाकानी किया जाने लगा। लोकेश ने बताया कि उस वक्त तत्कालीन नियोजन इकाई के पदाधिकारियों/कर्मियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा बहाली को लेकर मोल-तोल परवान चढ़ चुका था।

लोकेश ने शिक्षक बहाली प्रक्रिया मे काउंसलिंग व दावेदारी के बावजूद स्कूल में नियुक्ति ना होने को लेकर काफी भागदौड़ की। फिर भी नियोजन वर्ष से लगातार 14 वर्षों तक लोकेश विधान परिषद में एमएलसी नीरज कुमार के माध्यम से प्रश्न उठाने से लेकर कमिश्नर तक मामले को लेकर गये। जब वहां भी मामला नहीं बना तब लोकेश ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन नियोजन इकाई पंजवार ने सबके आदेशों को नजरअंदाज कर दिया।

लोकेश ने तमाम परेशानियों के बावजूद भी हार नहीं मानी। न्याय के इस दौड़ में फाइलें मोटी होती गई। फिर सभी फाइलों को समेट लोकेश ने जिला लोक शिकायत निवारण का दरवाजा खटखटाया। जहां नियोजन इकाई से लेकर शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों तक को तलब किया गया। इस दौरान सभी से पूछे गए स्पष्टीकरण के जवाबों को संतोषजनक नहीं पाने व अधिकारियों/माननीय तक के आदेशों को ना मानने को लेकर पदाधिकारी विपिन कुमार राय के द्वारा नियोजन से संबंधित सभी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को सजा सुनाई गई।

जिला लोक शिकायत निवारण ने 4 अगस्त को जारी अपने आदेश में इस मामले से संबंधित अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर कानूनी कार्रवाई करने व अबिलंब शिक्षक लोकेश कुमार दुबे को नियुक्ति कराने का आदेश जारी किया। उस वक्त के तत्कालीन मुखिया गोपाल सिंह वर्तमान में भी मुखिया हैं। जो 2006 में पंचायत नियोजन इकाई के अध्यक्ष थे। वही तत्कालीन पंचायत सचिव अजीत कुमार राय जिले के अन्य प्रखंड में आज भी कार्यरत हैं। संबंधित आदेशों को समय-समय पर निर्गत करने वाले जिला शिक्षा अधिकारियों का भी तबादला कई अन्य जगहों पर हो चुका है।

लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई, निलंबन व प्रपत्र क गठीत करने के पत्र से जिलाधिकारी को सुचित किया है। प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक प्रखंड में शिक्षक नियोजन की बहाली प्रक्रिया के दौरान अभी भी लगभग आधा दर्जन से ऊपर अभ्यर्थी का मामला प्राधिकार तथा कोर्ट के चक्कर में घूम रहा है। कुछ इसी तरह का मामला रघुनाथपुर प्रखंड के मुख्यालय के एक शिक्षक अभ्यर्थी का था जो कोर्ट कचहरी के चक्कर में दौड़ते-दौड़ते हार कर 12 साल बाद अपनी जान तक गंवा बैठा पर उसका बहाली प्रक्रिया आज तक पूरी नही हुई।

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