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Raghunathpur: दक्षिणांचल के गांधी स्व० घनश्याम शुक्ल की स्मृति में तीन दिवसीय कर्मयोगी महोत्सव - श्रीनारद मीडिया

Raghunathpur: दक्षिणांचल के गांधी स्व० घनश्याम शुक्ल की स्मृति में तीन दिवसीय कर्मयोगी महोत्सव

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3 से 5 नवंबर तक खेलकूद, सामान्य ज्ञान, संगीत, नृत्य प्रतियोगिता व कवि सम्मेलन का होगा आयोजन

श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)

एक आदमी अपने छोटे से जीवन में बड़े बदलाव का वाहक कैसे बनता है, हाल फिलहाल में शुक्ल जी से बड़ा उदाहरण शायद ही मिले। जिले के रघुनाथपुर प्रखंड अंतर्गत पंजवार गांव के रहने वाले व दक्षिणांचल के गांधी के नाम से प्रसिद्ध स्वर्गीय घनश्याम शुक्ल जिन्होंने जब गांव की लड़कियां स्कूल के बिना प्राइमरी से आगे पढ़ नहीं पाती थीं, तब बालिकाओं के लिए हाई स्कूल खोला। सरकारी मान्यता दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।

नौजवानों के लिए मृतप्राय पुस्तकालय को पुनर्जीवित करा नई बिल्डिंग बनवाई। संगीत महाविद्यालय खोला व प्रयाग संगीत समिति से मान्यता हासिल किया। डिग्री कॉलेज की स्थापना में अपना सारा रिटायरमेंट फंड लगा दिया। बालिकाओं के खेलने के लिए मैरीकॉम के नाम पर खेल एकेडमी आरंभ किया। इन सबके अलावा ढेर सारा काम …ढेर सारे सपने …कुछ पूरे …कुछ अधूरे !

इतना सारा काम शुक्ल जी ने बिना किसी सरकारी सहयोग के किया। गांव साथ रहा गांव के लोग साथ रहे। स्कूल के लिए चंदा, लाइब्रेरी के लिए किताबों की भिक्षा, संगीत विद्यालय के लिए विद्यार्थियों की गांव-गांव में तलाश, डिग्री कॉलेज के लिए अपनी सभी आवश्यकताओं को मार कर भी खेलती हुई छात्राओं, पढ़ते हुए युवाओं, संगीत साधना में रत साधकों को देखकर खुशी के मारे अपनी सुध-बुध खो देनेवाले शुक्ल जी को जिसने देखा दीवाना हुआ। जो भी मिला पागल हुआ। सब ने उन्हें योगी कहा, कर्मयोगी कहा।

उन्हीं की स्मृति में आयोजित इस महोत्सव में पहले दिन 3 नवंबर को बालिकाओं का खेल-कूद प्रतियोगिता, दूसरे दिन 4 नवंबर को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का मुख्य मुकाबला होगा। इसी दिन संध्या 7 बजे से बालिकाओं के संगीत और नृत्य की प्रतियोगिता होगी। तीसरे दिन 5 नवंबर को दिन की शुरुआत प्रभातफेरी से होगी। उसके बाद घनश्याम शुक्ल के होने भर से हुए बदलाव पर चर्चा, कवि सम्मेलन व अंत में विभिन्न स्पर्धाओं के विजेता पुरस्कृत किया जाएगा।

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