Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है- अमेरिका - श्रीनारद मीडिया

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है- अमेरिका

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है- अमेरिका

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अमेरिका ने एक बार फिर भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर सवाल उठाया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताते हुए परोक्ष तौर पर भारत के खिलाफ उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया गया है।

भारत पर दबाव बनाने की रणनीति
यह रिपोर्ट विदेश मंत्री एस जयशंकर की वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई द्विपक्षीय आधिकारिक बैठक के कुछ ही घंटे के बाद जारी की गई है। जानकार इस मध्यावधि रिपोर्ट, इसकी भाषा और समय (जब भारतीय विदेश मंत्री अमेरिका में है) को लेकर हाल के महीनों में भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।

अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी
वहीं भारत ने सख्ती से जबाव देते हुए कहा कि पक्षपाती और राजनीतिक एजेंडा चलाने की बजाय इस संगठन को अमेरिका में मानवाधिकार के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। एक तरफ अमेरिका भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहा है लेकिन साथ ही रूस पर तेल खरीदने, खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की कथित साजिश व धार्मिक आजादी जैसे मुद्दे पर दबाव भी बनाने की कोशिश करता रहा है।

यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट
यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में नफरती भाषणों, गलत सूचनाओं के प्रसार और सरकारी अधिकारियों की तरफ से धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उकसाने के मामलों का भी जिक्र है। इसने वर्ष 2024 की यूएससीआईआरएफ की सालाना रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की खराब स्थिति के संदर्भ में दी गई सिफारिशों का भी जिक्र किया गया है।

भारत ने दिया करारा जवाब

इसके तहत धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ काम करने वाले भारतीय अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने, अमेरिका सरकार की भारत के साथ होने वाले रक्षा सौदे की नीति में धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने वाले शर्तों को शामिल करने की बात कही गई है। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यूएससीआईआरएफ घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर पेश करता है। उसे इस तरह का एजेंडा चलाने की बजाय अमेरिका के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध कभी इतने बेहतर नहीं रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच रिश्ते न केवल मजबूत हुए हैं बल्कि गुणात्मक भी हैं। गार्सेटी ने वॉशिंगटन के उपनगरीय इलाके में आयोजित सेलेक्टयूएसए इन्वेस्टमेंट समिट के मौके पर यह टिप्पणी की। इसमें सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत से है।

भारत के लोगों का टैक्स प्रतिशत अमेरिका में बढ़ा

गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच एक ऐसा रिश्ता है जो सिर्फ जोड़ने वाला नहीं है और न ही यह सिर्फ अमेरिका और भारत का मामला है। यह गुणात्मक है, यह यूनाइटेड स्टेट्स टाइम्स इंडिया है। अमेरिकी आबादी में भारवंशियों की संख्या करीब 1.5 प्रतिशत है, जो छह प्रतिशत टैक्स देती है। अमेरिका में यह सबसे सफल प्रवासी समुदाय है। इसी कार्यक्रम के दौरान भारत के जेसीडब्ल्यू स्टील ने बेटाउन, टेक्सास में 14 करोड़ डालर निवेश की योजना की घोषणा की।

गार्सेटी ने कहा कि अब अमेरिकी भारतीय ब्रांड और भारतीय कंपनियों से अधिक परिचित हो चुके हैं। दूसरी ओर, हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने वाले अमेरिकी सांसद ग्रेगरी मीक्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन से बढ़ते खतरे के बीच भारत अमेरिका का एक अहम साझेदार है।

भारत, चीन में एफडीए के कार्यक्रम पर सांसदों ने उठाए सवाल

अमेरिका के तीन वरिष्ठ सांसदों ने भारत और चीन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) में विदेशी दवा निरीक्षण कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। कैथी मैकमोरिस रोजर्स, ब्रेट गुथ्री और मोर्गेन ग्रिफिथ ने एफडीए आयुक्त राबर्ट कालिफ को सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि निरीक्षण के परिणामों में विसंगति संस्थानों की कमजोरी का एक और उदाहरण है। ये सांसद अमेरिकी कांग्रेस की विभिन्न समितियों और उपसमितियों का नेतृत्व करते हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!