प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक का हुआ रूटीन ट्रांसफर,क्यों भड़के स्टूडेंट्स?

प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक का हुआ रूटीन ट्रांसफर,क्यों भड़के स्टूडेंट्स?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह का मंगलवार देर शाम ट्रांसफर कर दिया गया है। वह अब पंचायती राज विभाग में निदेशक का पद संभालेंगे। शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के बीच उनके ट्रांसफर से अभ्यर्थी भड़क गए हैं। मंगलवार देर रात से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर वह उनकी वापसी की मांग कर रहे हैं। ट्विटर पर यह मुहिम बिहार में टॉप-10 में ट्रेंड कर रही है। इसको लेकर #we _want_Ranjitkr_IAS_come_back अभियान चल रहा है। इसमें शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को भी टैग किया जा रहा है।

ट्विटर पर ट्रेंडिंग।
ट्विटर पर ट्रेंडिंग।

इसलिए हो रही है वापसी की मांग

अभी बिहार में छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया चल रही है। इसमें पहले भी व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है, जिसकी जांच निगरानी में चल रही है। वहां भी कई फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों के जेल जाने की नौबत है। शिक्षक नियोजन की चल रही नई नियोजन प्रक्रिया में भी रणजीत कुमार सिंह ने बहुत हद तक फर्जी डिग्रीधारियों पर नकेल कसी थी। इस बहाली में फर्जीवाड़ा करने वाली नियोजन इकाइयां भी रडार पर थी, इसलिए वे कई अफसरों सहित कर्मचारियों की आंख की भी किरकिरी बन गए थे। उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कई नियोजन रद्द तक कर दिए गए।

पहली बार नियोजन पर लाइव नजर रखी जा रही थी। शिक्षक नियोजन में इतनी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था पहले कभी नहीं चली। नतीजा कई जगहों पर बिना लिस्ट चिपकाए बहाली होने, पैसे लेकर बहाल कर देने, मेरिट लिस्ट में हेराफेरी करने, आरक्षण के नियम की धज्जियां उड़ाने जैसे आरोप पहली की नियुक्तियों पर लगते रहे हैं। इन सब गड़बड़ियों पर इस बार लगाम लगाने की बड़ी कोशिश थी। पूरी प्लानिंग के साथ इस पर नजर रखी जा रही थी।

सोशल मीडिया की शिकायत पर भी संज्ञान लेते थे

अभ्यर्थियों का कहना है कि रणजीत कुमार सिंह की खूबी यह थी कि वह किसी भी अन्य अफसर से ज्यादा एक्टिव होकर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूरी कराने में लगे थे। किसी अभ्यर्थी को किसी तरह की परेशानी होती तो वह सोशल मीडिया पर उनसे सीधे शिकायत करता था। फोन पर मैसेज तक अभ्यर्थी करते थे। इस नियुक्ति को लेकर कई बार वे फेसबुक लाइव भी हुए और नियोजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान दिया।

बड़ी संख्या में शिक्षक नियोजन से जुड़े अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें वापस करने की मांग सरकार से की है। कुछ ने तो इसे सरकार का तानाशाही रवैया तक कहा है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!