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स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों सहित कई अन्य ने 11 टीबी के मरीजों को गोद लिया - श्रीनारद मीडिया

स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों सहित कई अन्य ने 11 टीबी के मरीजों को गोद लिया

स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों सहित कई अन्य ने 11 टीबी के मरीजों को गोद लिया:

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सभी गोद लिए मरीजों को पोषण सामग्रियों से भरा हुआ दिया गया थैला:
निराश होने से पूर्व आएं सरकारी अस्पताल कराएं अपने टीबी का इलाज़: सीडीओ
क्षेत्र के सभी वर्गों से निक्षय मित्र बनाने को लेकर की गई अपील: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है। लेकिन अब एक दूसरे को जागरूक होने की आवश्यकता है। ताकि टीबी के खिलाफ लड़ाई में आसानी से विजय प्राप्त किया जा सके। इधर डगरुआ स्वास्थ्य केंद्र परिसर में 11 निक्षय मित्र द्वारा खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। इस अवसर पर एमओआईसी डॉ रजी चंचल, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अवनीश कुमार, बीएचएम शिवेंद्र कुमार, बीसीएम प्रियंका कुमारी, एसटीएस पूजा कुमारी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रियंका कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी एंव कर्मी उपस्थित थे।

 

निराश होने से पूर्व आएं सरकारी अस्पताल कराएं अपने टीबी का इलाज़: सीडीओ
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी इलाज से लेकर जांच तक की व्यवस्था बिल्कुल निःशुल्क है। सबसे ख़ास बात यह है कि दवाओं के साथ टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े निजी अस्पतालों या फिर बड़े शहर की ओर रुख कर जाते हैं। हालांकि फिर वहां से निराश होकर संबंधित जिले के सरकारी अस्पतालों की शरण में ही आना पड़ता है। आपको जैसे ही टीबी के बारे में पता चलता है तो सबसे पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल जाकर जांच कराएं। जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था की जाती है।

क्षेत्र के सभी वर्गों से निक्षय मित्र बनाने को लेकर की गई अपील: एमओआईसी
डगरुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रजि चंचल ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र योजना में स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों सहित कई अन्य के द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। जिसके आलोक में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में 11 टीबी के मरीजों को गोद लिया गया है। उन सभी के बीच पोषण सामग्रियों से भरा हुआ थैला दिया गया। लगातार छः महीने तक टीबी के मरीजों को इलाज के समय तक खाद्य पदार्थ देकर सहयोग किया जाएगा। क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी एवं बुद्धिजीवी वर्ग के नागरिकों से अपील की जाती है कि आपलोग भी इस तरह के पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर टीबी के मरीजों को गोद लेकर सहयोग करें ताकि क्षेत्र से टीबी जैसी बीमारी को जड़ से मिटाया जा सके।

टीबी मुक्त हो भारत अपना, हम सभी का यही है सपना, होगा साकार: पूजा
वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक पूजा कुमारी ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम वृहत पैमाने पर चलाया जा रहा है। “टीबी मुक्त हो भारत अपना हम सभी का यही है सपना” इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में
स्वास्थ्य विभाग के एमओआईसी डॉ रवि चंचल, एमओ डॉ अविनाश कुमार, सूरज कुमार, एसटीएस पूजा कुमारी, एलटी मोहम्मद शाकिब, बीसीएम प्रियंका कुमारी, सीएचओ प्रियंका कुमारी, राम रतन, पूजा, धर्मेंद्र, रामदेव, रतन लाल, अंकित, महेंद्र एवं पिंटू बाजिया सहित कई अन्य ने मरीज़ों को गोद लिया है। फूड बास्केट में टीबी मरीजों के लिए आटा, दाल, खाद्य तेल, चना, बादाम, अंडा, सोयाबीन सहित कई अन्य सामग्रियों को शामिल किया गया है। इन टीबी मरीजों को यह फूड बास्केट अगले छः महीने तक दिया जाएगा।

निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र से कर सकते हैं संपर्क:
निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन करने के बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र पंजीयन फॉर्म पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देने के बाद ही इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा निक्षय हेल्प लाइन नंबर- 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी।

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