बसंत आते ही तैयार होने लगा शमी का पौधा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बसंत आते ही शमी के पौधे को तैयार करने लिए नर्सरी संचालक कलमी व कटाई करके पौधे की तैयारी करने में जुट गए हैं। लगभग दो महीने में शमी का पौधा बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाएगा। शमी का पौधा, तेजस्विता एवं दृढता का प्रतीक है। इसमें प्राकृतिक तौर पर अग्नितत्व की प्रचुरता होती है इसलिए इसे यज्ञ में अग्नि को प्रज्जवलित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जन्मकुंडली में यदि शनि से संबंधित कोई भी दोष है तो शमी के पौधे को घर में लगाना और प्रतिदिन उसकी सेवा-पूजा करने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है।
मान्यता है कि शमी के पौधे को घर में लगाने से बरकत आती है और घर में कभी पैसे की कमी नहीं होती. शमी के पौधे को घर में लगाने से सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। यह भी कहा जाता है कि शमी का पौधा घर में लगाने से वास्तु दोष भी दूर होता है और घर की सब बाधाएं मिट जाती हैं।
उसके बाद हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक शमी के वृक्ष के नीचे जलाना चाहिए इसके अलावा शमी वृक्ष के फूल और पत्तों के प्रयोग से भी शनि का कुप्रभाव शांत होता है। मान्यता है कि घर में शमी का पेड़ लगा रहने से टोने, टोटके और नकारात्मक ऊर्जा का घर पर प्रभाव नहीं पड़ता। शमी के वृक्ष का महत्व रामायण भी मिलता है
शमी का पौधा मध्यमाकार और हमेशा हरा रहता है। इसमें कांटे होते हैं। इसकी शाखाएं पतली, झुकी हुई और भूरे रंग होती हैं। इसकी छाल भूरे रंग की, फटी हुई, तथा खुरदरी होती है।
भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। रोजाना पूजा के वक्त उन्हें यह फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकटों से दूर रहते हैं। शमी का पेड़ आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है।शमी के पौधे को घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर कोने में लगाना सबसे लाभकारी माना जाता है।
वैसे हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की काफी मान्यता है और हर घर में इसकी पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी के अलावा एक और पौधा है जिसे हिंदू धर्म में काफी शुभ माना जाता है ये है शमी का पौधा, शास्त्रों के मुताबिक शमी के पौधे का विशेष महत्व है और इसे घर में लगाना बेहद ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि शमी का पौधा भगवान शिव का प्रिय है और भगवान शिव पर जल अर्पित करते समय जल में शमी का फूल या पत्ती डालने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
बाेले नर्सरी संचालक : नर्सरी संचालक राकेश राजभर ने बताया कि शमी का पौधा एक धार्मिक पौधा है इसको कलमी व कटाई के माध्यम से तैयार किया जाता है इस पौधों को तैयार होने में दो महीने का समय लग जाता है।
नर्सरी संचालिका अंजली ने बताया कि फरवरी माह से ही हम लोग इसकी तैयारी में लग जाते हैं तब जाकर कहीं अप्रैल तक यह पौधा बाजार में बिकने लायक तैयार हो जाता है। यह पौधा बाजार में 20 से 30 रुपए तक बिकता हैं।
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