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श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्म है : गोविंद जी महराज - श्रीनारद मीडिया

श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्म है : गोविंद जी महराज

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श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):


श्री कृष्ण के नाम जप से जीवन सार्थक होगा । श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्म है । यह बात गोविंद जी महराज ने सोनवर्षा गाँव मे चल रहे हनुमत प्राण प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ के चौथे दिन भी सुबह पांच बजे योग विज्ञान शिविर एवं सन्ध्या में 6 बजे से भागवत कथा में कही । भागवत कथा में गोविन्द जी महाराज ने सृष्टि वर्णन एवम भक्त ध्रुव जी की कथा सुनाई ।

महाराज जी ने कहा की संसार की उत्पत्ति अक्षरातीत भगवान श्री कृष्ण की की बारह हजार आत्माओं ने असत्य ,सुख दुख ,जन्म मृत्यु का झूठा खेल देखने की इच्छा उतपन्न की उन आत्माओं की इच्छा पूर्ण करने के लिये परमात्मा ने अपने सत अंश अक्षरब्रह्म को प्रेरित किया और उसी समय अक्षर ब्रह्म का उल्टा प्रतिबिम्ब मोह सागर मे पड़ा वह प्रितिबिम्ब हजारों वर्षों तक मोहरूपी जल में निर्जीव रूप से पड़ा रहा फिर अविनाशी अक्षरब्रह्म ने उस निर्जीव अंडे को अपने संकल्प से सजीव किया और फिर अंडा फूटा और एक जोरदार धमाका हुआ जिसे आज का आधुनिक विज्ञान की भाषा मे बिग बैंक कहते हैं उस अंडे से नर अक्षरब्रह्म से उतपन्न नार मोहरूपी जल में अयन घर बनाया तब उसका नाम आदिनारायण हुआ ।

परमात्मा की प्रेरणा से आदिनारायण ने एक से अनेक होने की इच्छा किया उसी समय उसके रोम छिद्रों से परमाणु के समान असंख्य ब्रह्मांड उतपन्न हुए और सभी ब्रह्मांड में अलग अलग शेषशायी नारायण आधशक्ति उतपन्न हुए फिर इनदोनो से ब्रह्मा विष्णु महेश ,इंद्र दिक्पाल आदि सभी देव उतपन्न हुए और फिर ब्रह्मा जी चौदह लोक चौरासी लाख योनियां बनाई ।

हमलोग जिस ब्रह्मांड में रहते हैं इसका नाम हिरण्यगर्भ है फिर इसी असत्य ब्रह्मांड में अक्षरातीत श्रीकृष्ण जी कृष्णाअवतार में असत्य दुख आदि का खेल दिखया जिस संसार मे आकर आत्माएं अपने स्वरूप को भूल गई ।इसलिये शुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित से कहा की तुम अपनी आत्मा का उद्धार करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी कथा सुनो ,उन्ही की लीलाओं का गुणगान करो श्री कृष्ण जी के नाम का जाप करो क्योकि श्री कृष्ण के अलावा सारा जगत मिथ्या है श्री कृष्ण ही सभी आत्माओं के स्वामी हैं ।

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