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दावत-ए-इस्लामी के नेटवर्क की जांच करेगी SIT, बन गई टीम. - श्रीनारद मीडिया

दावत-ए-इस्लामी के नेटवर्क की जांच करेगी SIT, बन गई टीम.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या मामले में शुरू हुई जांच में अब कानपुर का भी नाम जुड़ गया है. कमिश्नरेट पुलिस ने कानपुर में बने दावते-ए-इस्लामी के दफ्तर समेत संगठन से जुड़े लोगों की जांच शुरू कर दी है. जांच के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन हुआ है. कानपुर में 6 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एक आईपीएस को सौंपा गया है.

महानिदेशक के बयान पर गठित हुई जांच टीम

बता दें कि जांच टीम राजस्थान पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर के उस बयान के बाद बनी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दावत-ए-इस्लामी यूपी के कानपुर में भी सक्रिय है. उदयपुर कांड में पकड़े गए कट्टरपंथी इसी संगठन से जुड़े बताए गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक राजस्थान पुलिस को ऐसे इनपुट मिले हैं कि इस संगठन के कुछ लोगों ने कानपुर में भी स्लीपिंग मॉड्यूल तैयार किए हैं. इनमें ऐसे लोग हैं, जिनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. ब्रेन वॉश करके उन्हें कट्टर सोच विचार का अभ्यस्त बना दिया गया है. राजस्थान के डीजी लाठर ने अपने बयान में इसका संकेत दिया तो कानपुर मे एनआईए को भी सक्रिय हुकर दिया गया है.

वहीं इस टीम ने संगठन के डिप्टी का पड़ाव के गुरबत उल्लाह पार्क स्थित ऑफिस के बारे में तमाम जानकारियां जुटाई हैं. आने-जाने वालों, संगठन के कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका निभाने वालों के बारे में विवरण इकट्ठा किया जा रहा है. टीम को संगठन से जुड़े चार मदरसों की जानकारी मिली है. इनमें से एक कानपुर और तीन उन्नाव में हैं. पूरे मामले में कानपुर के सयुक्त पुलिस आयुक्त का कहना है कि दावते-ए-इस्लामी संगठन की गतिविधियों की जांच के लिए 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. संगठन से जुड़े लोगों और संस्थाओं का विवरण एकत्रित किया जा रहा है. जो तथ्य सामने आएंगे,उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

दावत ए इस्लामी का धर्मांतरण मामले में भी आ चुका है नाम

धर्मांतरण कराने के मामले में पाकिस्तान की संस्था दावते इस्लामी का हाथ रहा है. कई मामलों में संस्था की संलिप्तता भी पाई गई थी.कुछ महीने पहले संस्था ने फंडिंग के लिए शहर में दो हजार जगह पर फंडिंग के लिए डोनेशन बॉक्स भी लगाए थे.देशभर में इसी तरह से जमा किए जा रहे चंदे के पैसों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी ताकतों को मजबूती देने में किया जा रहा है.इस मामले की शिकायत इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता मो० कौसर हसन मजीदी ने तत्कालीन डीसीपी साउथ से भी की जा चुकी है लेकिन कोई भी कार्यवाही अभी तक नही हुई है.

उदयपुर की घटना के बाद केंद्र सरकार की सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स कड़ी नजर है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों से उदयपुर में हुई नृशंस हत्या (Udaipur Beheading Incident) को बढ़ावा देने और महिमा मंडित करने या इसे उचित ठहराने वाली सामग्री को तुरंत हटाने को कहा है।

राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले दर्जी कन्हैया लाल की कथित एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मंगलवार को दिनदहाड़े ग्राहक बनकर आए दो लोगों रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने चाकू से सिर कलम कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सिर काटने की जिम्मेदारी लेते हुए अपराध का एक भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) राजस्थान पुलिस का आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के सहयोग से मामले की जांच कर रही है।

सरकार की ओर से 29 जून को जारी नोटिस में कहा गया है कि इस नोटिस के माध्यम से, आपको तत्काल यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि उदयपुर की घटना के मद्देनजर सुरक्षा और विश्वास के अपने दायित्व के निर्वहन के रूप में आप किसी भी और सभी सामग्री को जिनमें ऑडियो, वीडियो, फोटो या किसी भी रूप में तुरंत हटा दें, जो इस हत्या और हत्या को प्रोत्साहित करने / महिमामंडित करने / न्यायोचित ठहराने के लिए प्रतीत होते हैं, ताकि किसी भी तरह के उकसावे और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान को रोका जा सके और सार्वजनिक शांति और सद्भाव बहाल किया जा सके।

बता दें कि, कन्हैया लाल की नृशंस हत्या का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया था और कई सोशल मीडिया हैंडल और अकाउंट्स द्वारा हत्या का महिमामंडन करने और उसे सही ठहराने के कई उदाहरण सामने आए हैं।

कन्हैया लाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार

कन्हैया लाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गुरुवार रात को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। उदयपुर में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों कन्हैया लाल की हत्या की साजिश में भागीदार थे और उनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहसिन और आसिफ के रूप में हुई है।

कन्हैया लाल के एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर ग्राहक बनकर आए दो लोगों रियाज और गौस मोहम्मद ने मंगलवार को उसकी दुकान में चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी। वारदात के कुछ घंटों बाद दोनों आरोपियों को राजसमंद के भीम क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपियों ने वारदात का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। उन्होंने अपराध के बाद एक और वीडियो बनाया जिसमें उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने इस्लाम का अपमान करने के कारण उस व्यक्ति (कन्हैयालाल) का सिर काट दिया। दोनों आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद पुलिस पहचान परेड के लिए न्यायिक हिरासत में हैं।

 

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