संभावनाओं से भरपूर सीवान को सार्थक प्रयास की तलाश

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सिवान के विकास के लिए प्रचुर अवसर उपलब्ध, आवश्यकता समर्पित , सुव्यवस्थित, सुनियोजित प्रयासों की

सिवान स्थापना दिवस पर विशेष आलेख

✍️ डॉक्टर गणेश दत्त पाठक, श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

सीवान जिला में विकास की भरपूर संभावनाएं हैं। आवश्यकता चुनौतियों का सामना कर समर्पित और सार्थक प्रयासों को जमीन पर उतारने की है। ताकि सिवान में मौजूद रहे संभावनाओं का तर्कसंगत तरीके से दोहन किया जा सके। अभी
सिवान को विकास के पैमाने पर पिछड़ा माना जाता है। परंतु विकास की आवश्यकताओं को यदि सही दिशा दे दी जाए तो सिवान में भी खुशहाली की बयार बह उठेगी। सिवान के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर आइए जानते हैं किन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाए ताकि सिवान में समृद्धि और खुशहाली आ सके।

युवा वर्ग ही किसी भी समाज के भविष्य के निर्माणकर्ता होते है। उनसे जिले के प्रबुद्ध और जानकार लोग निरंतर संवाद कायम करें और उन्हें अपने अनुभव से लाभान्वित करें ताकि युवा वर्ग को सटीक जानकारी मिल सकें। इस संदर्भ में सामाजिक संस्थाओं को समय समय पर कैरियर काउंसिलिंग शिविरों का आयोजन करना चाहिए तथा निरंतर संवाद की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। साथ ही युवाओं में आज कल, जो नशे आदि के कारण भटकाव की पर देखी जा रही है उसे रोकने की आवश्यकता है।

जिले की अर्थव्यवस्था के आधार रहे गल्फ देशों में रोजगार की परिस्थितियां अब बहुत अनुकूल नहीं रही। इस स्थिति में उद्यमिता द्वारा स्वरोजगार की भावना को प्रोत्साहन देना जरूरी हैं। बिजली, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता से उद्यमिता के लिए सीवान में अभी बेहतर माहौल है। छोटे छोटे व्यवसाय जिले की आर्थिक तस्वीर और रोजगार की उपलब्धता के संदर्भ में कमाल दिखा जाएंगे। युवाओं के कौशल विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बात पर बल दिया गया है कि कॉलेज के स्तर पर वोकेशनल ट्रेनिंग दिया जाए। ऐसे प्रयास युवाओं में डिग्री और हुनर के बीच के फासले को कम करेंगे। सीवान के युवाओं में हुनर का विकास क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा।

देशरत्न का गांव जीरादेई के साथ महेंद्र नाथ मंदिर, सोहगरा मंदिर के साथ मौलाना मजहरूल हक साहब की कर्मस्थली फरीद पुर, लकड़ी दरगाह की मजार आदि कई पर्यटक स्थल सिवान में है, जहां पर्याप्त संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। बस आवश्यकता इन स्थलों के बारे में विशेष जानकारियों के प्रचार प्रसार की है। सिवान के तितीरा क्षेत्र के कई स्थलों के बौद्ध कालीन होने के पुरातात्विक और ऐतिहासिक संकेत मिले हैं। उसकी पर्याप्त अनुसंधान द्वारा पुष्टि के प्रयास होने चाहिए। यदि ये क्षेत्र पुरातात्विक स्थल घोषित हो जायेंगे तो सिवान में भारी संख्या में पर्यटक आने लगेंगे। बस आवश्यकता संवेदनशील प्रयासों की है।

सिवान की उपजाऊ मृदा सब्जी उत्पादन के लिए बेहतर हैं। बिहार सरकार को हालिया हर थाली में बिहारी तरकारी योजना का लाभ भी उठाया जा सकता है। तिरहुत वेज यूनियन किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों के यथा शीघ्र बाजार तक पहुंचाने की योजना में लगा हुआ है। यदि ये व्यवस्थाएं कारगर हो जाए तो सिवान सब्जी उत्पादन में कमाल दिखा सकता है।

सिवान की उर्वर मृदा में उत्पादित खाद्यान्न, सब्जियां, फल आदि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर माहौल बना रही है। कृषि यंत्रों की उपलब्धता और पर्याप्त मार्गदर्शन की दरकार है। आवश्यकता जागरूकता और संसाधन उपलब्धता की ही हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का सिवान में बेहतर विकास यहां के आर्थिक गतिविधियों को सकारात्मक स्तर पर प्रभावित करेगा।

सीवान में कई शानदार बेहतरीन होटल, मॉल्स, स्मार्ट थिएटर, मैरेज हॉल, रेस्तरां के खुल जाने से सीवान आस पास के जिलों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर भी उभरता दिखाई दे रहा है। सीवान में वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभरने की संभावनाएं भी उभर रही है। सीवान में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध होगी तो सीवान के लोग जो बाहर रहते हैं अपने बच्चों की शादियां सीवान में करेंगे तो यहां की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।

सिवान में गल्फ आदि देशों से अभी वैसे अच्छी खासी मात्रा में विदेशी मुद्रा आ रही है। लेकिन उनका सदुपयोग नही हो रहा हैं यदि उन विदेशी मुद्रा को उत्पादक गतिविधियों की तरफ मोड़ दिया जाए तो परिणाम शानदार रहेंगे। सिवान में आर्थिक विकास के लिए संसाधनों की कमी नहीं रहेगी।

सिवान में बांस और बेंत उद्योग के लिए परिस्थितियां बेहतर है। इसके लिए अगर कुछ जागरूकता आदि के कार्यक्रम संचालित हो सके तो इस उद्योग के विकास की सिवान में पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। आजकल वैसे भी बांस बेंत के फर्नीचर की मांग बढ़ती जा रही हैं।

मानव स्वास्थ्य आज के दौर में बड़ी चुनौती हैं। उपभोक्तावाद और आरामदायक जीवन शैली के कारण व्याधियां आम बात है। आस पास के जिलों से बेहतर जुड़ाव के चलते यहां मरीज आसानी से पहुंच सकते हैं। हाल के दिनों में कुछ बेहतर अस्पताल सिवान में खुले हैं। दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अच्छी खासी प्रतिष्ठा अर्जित कर चुका हैं। मैरवा में मेडिकल कॉलेज भी स्थापित होने जा रहा हैं। यदि सिवान में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा को थोड़ा और बेहतर बना दिया जाए और व्यावसायिकता के स्थान पर गुणवत्ता को तरजीह दिया जाए तो सिवान आसानी से मेडिकल हब भी बन सकता है। यहां के कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों के पास आस पास के जिलों उत्तरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से मरीज आते रहते हैं। सीवान में दरोगा हाता के पास वाले हाइवे के सामने कई सुविधायुक्त अस्पताल स्थापित हो रहे हैं। इस क्षेत्र का तेजी से विकास नई संभावनाओं को भी सामने ला रहा है। जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में भी सुधार उम्मीदें जागृत कर रही है।

पिछले दो तीन सालों में सीवान में सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन मसलन जीरादेई, मेंहदार महोत्सव, टेराकोटा प्रदर्शनी, मधुबनी चित्रकला प्रदर्शनी आदि के माध्यम से सीवान की सांस्कृतिक जीवंतता को मजबूती मिल रही है साथ ही सावन महोत्सव, रंगोली प्रतिस्पर्धाओं, मुशायरों, कवि सम्मेलनों आदि के आयोजन से सीवान के सांस्कृतिक सौंदर्य को प्रतिष्ठा हासिल हो रही है। वर्तमान जिलाधिकारी श्री मुकुल कुमार गुप्ता का सांस्कृतिक अनुराग सीवान के सांस्कृतिक इतिहास में स्वर्णिम अध्यायों को जोड़ता दिख रहा है।

सीवान में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन खेल के लिए बढ़िया स्टेडियम का अभाव जरूर है। यदि खेल के लिए यहां पर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके तो यहां की प्रतिभाएं राष्ट्रीय ,अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकती है। मैरवा की रानी लक्ष्मी बाई अकादमी, पंजवार की मैरी कॉम अकादमी की बालिकाओं ने समय समय पर अपनी उपलब्धियों से सीवान को गौरांवित किया है।

सीवान की लाइफ लाइन दाहा नदी अभी प्रदूषण की शिकार होकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। प्रदूषण सीवान के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। यदि कचरा प्रबंधन और नदी संरक्षण अभियान पर काम हो तो अच्छे रिजल्ट आ सकते हैं। सीवान शहर के लिए एक व्यवस्थित मास्टर प्लान पर काम की भी आवश्यकता है ताकि तेजी से बढ़ रहे शहर में आवश्यक बुनियादी ढांचा का विकास हो सके।

पुराने सुता मिल के स्थान पर बना नया इंजिनियरिंग कॉलेज भी सिवान में अहम बदलाव लाने जा रहा हैं। इससे सिवान में एक नई ऊर्जा का जनन होगा जो युवाओं को विशेष तौर पर प्रभावित कर जायेगी। इंजीनियरिंग कॉलेज सहित सीवान के अन्य डिग्री कॉलेज में वोकेशनल ट्रेनिंग की उपलब्ध हो रही सुविधाएं सकारात्मक परिवर्तन लाएंगी।

वर्तमान में सिवान में जाम आदि के कारण आवागमन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं। लेकिन भविष्य में सिवान प्रशासन कई बाईपास और ओवरब्रिज का निर्माण करने का रहा हैं जिससे आवागमन बेहतर हो सकेगा। राम जानकी पथ के निर्माण में तेजी से नई संभावनाएं जागृत होती दिखाई दे रही है। इस पथ के निर्माण से बड़े नगरों से जुड़ाव सीवान का बढ़ जाएगा। जिससे यहां के व्यावसायिक, औद्योगिक, वाणिज्यिक, कृषि गतिविधियों में इजाफा हो सकता है।

सिवान में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति, आधारभूत संरचना की कमी, उद्यमिता के भावना के अभाव, राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव आदि कई बाधाएं मौजूद हैं। परंतु भविष्य में आशा हैं कि सिवान की संभावनाओं पर काम होगा,समन्वित एवम सार्थक प्रयास होंगे और एक शानदार सिवान की संकल्पना साकार हो पायेगी।

जय सिवान!

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